ठण्ड में दिल का ख्याल रखने के लिये अपनायें ये टिप्स

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। पूरे मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है। ठण्ड का सबसे ज्यादा असर कमजोर दिल वालों पर पड़ रहा है। भोपाल में ब्रेन और हार्ट के मरीज़ों की संख्या भी आम दिनों की अपेक्षा बढ़ गयी है।

चिकित्सकों के मुताबिक कड़ाके की ठण्ड में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामले ज्यादा बढ़ जाते हैं। सर्दी में जब खून गाढ़ा हो जाता है उसके कारण दिमाग और हृदय में रक्त पहुँचाने वाली धमनियों में रुकावट आने लगती है और खून का थक्का जम जाता है। यह थक्का जब ब्रेन में बनता है तो ब्रेन अटैक आता है और जब यह थक्का हृदय में रक्त पहुँचाने वाली धमनियों में बनता है तो हार्ट अटैक आता है।

कैसे बचें ठण्ड से : चिकित्सकों के अनुसार, दिल और रक्तचाप के मरीज़ सुबह एकदम से ठण्ड में बाहर न जायें। बिस्तर से उठने के पहले गर्म कपड़े पहनें और थोड़ा व्यायाम करते हुए उठें। सर्दी के मौसम में सिर, हाथ पैर को पूरी तरह से ढंक कर चलें, ताकि सर्द हवाएं आपके शरीर के भीतर न जा सकें।

ठण्ड में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज़ सुबह की सैर से बचें और हो सके तो शाम को टहलें या व्यायाम करें। इस तरह के रोगियों को इतना चलना या व्यायाम करना चाहिये कि उनके शरीर से पसीना निकलने लगे। हार्ट रोगियों को सर्दी में अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिये, क्योंकि सर्दी में दिल को अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो कभी – कभी उस पर भारी पड़ जाती है।

लोगों के मन में एक गलतफहमी रहती है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक आदि खाने से व्हिस्की या रम को गुनगुने पानी के साथ लेने से सर्दी नही लगेगी, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ देर के लिये भले ही सर्दी से राहत मिले, लेकिन बाद में रक्तचाप और ब्लड शुगर बढ़ सकता है, जो नुकसानदेह होता है। रक्तचाप और दिल के मरीज़ों को सात से आठ घण्टे की नींद लेना चाहिये ताकि वे तनाव से बचे रहें। साथ ही सर्दी में शरीर और कानों को गर्म कपड़े से ढंक कर रखें क्योंकि जरा सी लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है।