(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवन्यू (AGR) से जुड़े बकाये की रकम को चुकाने के लिए और समय मांगा है। कंपनियों ने इसके लिए मिलकर सुप्रीम कोर्ट में एप्लिकेशन फाइल की है।
उच्चतम न्यायालय (SC) ने दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये के बकाए की रकम 23 जनवरी तक जमा करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाएं खारिज कर दी थी। कंपनियां यही बकाया चुकाने की समयसीमा को बढ़ाने की आखिरी कोशिश कर रही है।
वोडाफोन आइडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले अग्रवाल लॉ एसोसिएट्स की शैली भसीन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस पर मंगलवार यानी कल सुनवाई हो सकती है। उन्हें टेलिकम्यूनेकेशन डिपार्टमेंट का बकाया 23 जनवरी तक चुकाना है। कंपनियों ने यही बकाया चुकाने को लेकर और समय के लिए एप्लिकेशन फाइल की है।
कंपनियों पर बकाया
दूरसंचार कंपनियों को अगले तीन दिन में लाइसेंस, स्पेक्ट्रम शुल्क और ब्याज के तौर पर 1.02 लाख करोड़ रुपये चुकाने हैं। दूरसंचार विशेषज्ञों का कहना कि वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों के लिए इतनी भारी रकम को चुकाना मुश्किल हो सकता है। कंपनियों की वित्तीय हालत और खराब हो सकती है। वोडा-आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला पहले ही कह चुके हैं कि यदि एजीआर के मामले में कोई राहत नहीं मिली तो वह भारत में कारोबार बंद कर देंगे।
कंपनियों पर बकाया (करोड़ रुपये में)
भारतीय एयरटेल 21,682
वोडा-आइडिया 19,823
बीएसएनएल 2,098
एमटीएनएल 2,537
आरकॉम 16,456
स्रोत: दूरसंचार विभाग
इंटरनेट सेवाप्रदाताओं ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए एजीआर की परिभाषा की समीक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि दूरसंचार क्षेत्र को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इंटरनेट कंपनियों का टिकना मुश्किल हो जाएगा।