मौनी अमावस्या पर करें उपाय, कालसर्प दोष का करें निवारण

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। हिंदू धर्म शास्त्रों में माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या कहा जाता है। इस साल मौनी अमावस्या 24 जनवरी अर्थात शुक्रवार को मनायी जायेगी। मौनी अमावस्या के दिन मौन रखकर संयम पूर्वक व्रत करने का विधान बताया जाता है।

मराही माता स्थित कपीश्वर हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी उपेंद्र महाराज ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने वाले व्यक्तियों को पाप से मुक्ति के साथ सभी दोषों से भी छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बना हुआ है तो वो इस शुभ दिन कुछ खास उपाय करके इसके प्रभाव को कम कर सकता है। तो आईये जानते हैं आखिर क्या हैं ये खास उपाय।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त : अमावस्या तिथि 24 जनवरी को सुबह 02 बजकर 17 मिनिट से आरंभ होगर अगले दिन अर्थात 25 जनवरी को सुबह 03 बजकर 11 मिनिट तक रहेगी।

कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय : मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद लघु रूद्र का पाठ खुद करें। अगर आप खुद इस पाठ को नहीं कर पा रहे हैं तो इसका पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये नवनाग स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिये। इसके अलावा पाठ करने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी निर्धन व्यक्ति को भी दान अवश्य दें।

मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये तीसरा उपाय यह है कि इस दिन स्नान करने के बाद किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर तांबे से बने नाग – नागिन अवश्य चढ़ायें। इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये आप सफेद फूल, बताशे, कच्चा दूध, सफेद कपड़ा, चावल और मिठाई बहते हुए जल में प्रवाहित करते हुए शेषनाग से कालसर्प दोष से मुक्ति के लिये प्रार्थना करें।

मौनी अमावस्या का महत्व : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या पर किया गया दान – पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है।

इस दिन प्रातः स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिये। श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्याेदय से पूर्व किया गया स्नान। इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।

 

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