तीखी धूप ने दी सर्दी से राहत

 

शाम को बूंदाबांदी के बाद फिर चलने लगा सुर्खा

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। इस साल मौसम का मिज़ाज कुछ अलग ही तरह का दिख रहा है। किसी दिन धूप चुभने लगती है तो अगले ही दिन बादलों के साथ ठण्डी हवाएं लोगों को कंपकंपा देतीं हैं। बुधवार को दोपहर के वक्त जहाँ धूप खिली हुई थी, वहीं शाम होते ही बूंदाबांदी से मौसम एकाएक बदल गया।

दोपहर में चुभी धूप, रात में हो रहा सर्दी का अहसास : मंगलवार और बुधवार को दिन में मौसम बेहतर होने के बाद बुधवार की शाम को अचानक ही बूंदाबांदी के कारण फिजा बदल गयी। बुधवार को दिन में अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस तो इसके पहले रात में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शहर के तापमान में अस्थिरता बनी हुई है। एक ही दिन में अधिकतम तापमान में अचानक उछाल दर्ज किया जाता है तो अगले ही दिन पारा फिर गोता लगा देता है। पिछले चार सप्ताह में चार बार मौसम परिवर्तित होते हुए बारिश का माहौल बना चुका है। मौसम में लगातार परिवर्तन के कारण लोग भी परेशान नज़र आ रहे हैं। बार-बार बारिश की संभावना और आसमान में बादलों के कारण सर्दी-जुखाम का असर बढ़ रहा है। रात में जहाँ कड़ाके की ठण्ड से अब भी लोग ठिठुर रहे हैं तो दिन में गर्मी का अहसास मौसम करा रहा है।

मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उत्तर पूर्वी हवाएं इन दिनों शहर पहुँच रही हैं जिनकी रफ्तार 03 किलोमीटर प्रति घण्टे तक की है। इन हवाओं के कारण रात में जहाँ ठण्ड तो दिन का तापमान अधिक हो रहा है। इसके अलावा प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ पर बने एक प्रति चक्रवात के कारण मौसम का मिजाज फिर बिगड़ गया है। इससे सिवनी में बादल छा गये हैं।

सूत्रों ने बताया कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के दाखिल होने के बाद मध्य प्रदेश और उससे लगे छत्तीसगढ़ पर एक प्रति चक्रवात बन गया है। इसी तरह उत्तर मध्य मराठवाड़ा पर एक चक्रवात बन गया है। इन दो सिस्टम के कारण हवाओं का रुख बदल गया है।

इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आने लगी है। इससे मध्य प्रदेश में बादल छा गये हैं। साथ ही हल्की बरसात के आसार बन गये हैं। अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इस तरह बना रहेगा। इसके बाद मौसम साफ होते ही एक बार फिर ठण्ड का दौर आरंभ हो जायेगा।

सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर बना एक चक्रवाती संचलन के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब उत्तरी पाकिस्तान और निकटवर्ती जम्मू और कश्मीर क्षेत्र पर औसत समुद्र तल से 3.1 किलो मीटर ऊपर स्थित है। एक चक्रवाती सर्कुलेशन पश्चिम मध्य प्रदेश और इससे सटे दक्षिण पूर्वी राजस्थान में औसत समुद्र तल से 1.5 किलो मीटर ऊपर स्थित है।

सूत्रों की मानें तो एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पूर्व असम और आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र तल से 1.5 किलो मीटर ऊपर फैला हुआ है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ द्वारा 24 जनवरी 2020 के बाद से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

पल-पल बदलते मौसम के पूर्वानुमान के हिसाब से सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिन में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तो रात में यह गोता लगाकर 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। शुक्रवार को मौसम का मिज़ाज कमोबेश इसी तरह का रहने के बाद शनिवार को रात में पारा ईकाई पर भी आ सकता है। गणतंत्र दिवस से मौसम के पटरी पर आने की उम्मीद सूत्रों ने जतायी है।