(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश बजट में करदाताओं को इनकम टैक्स पे करने के दो विकल्पों का तोहफा दिया है।
नए विकल्प में टैक्स रेट कम रखे गए हैं, लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स को तमाम टैक्स छूट से वंचित कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आपने टैक्स के नए विकल्प का चयन किया तो आपको सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, एचआरए पर टैक्स छूट तथा हाउजिंग लोन पर टैक्स छूट के फायदों से हाथ धोना पड़ेगा। इसलिए करदाता इस उलझन में हैं कि उनके लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा, पुराना या नया।
ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर शालिनी जैन ने कहा, नई टैक्स व्यवस्था में कम दर पर टैक्स भुगतान करने का विकल्प होगा, लेकिन इसमें किसी भी तरह का डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। टैक्सपेयर्स के लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा इसके लिए उन्हें नए तथा पुराने टैक्स विकल्प के तहत अपनी टैक्स देनदारी का कैलकुलेशन करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, नया विकल्प आसान है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह के डिडक्शन के लिए कोई माथापच्ची नहीं करनी है। लेकिन अगर आप पहले ही टैक्स सेविंग के लिए विभिन्न साधनों में निवेश कर चुके हैं और चाहते हैं कि डिडक्शन का फायदा लें तो आप पुराने वाले टैक्स विकल्प का ही चयन करें।
अगर टैक्सपेयर्स टैक्स पे करने के नए विकल्प का चयन करते हैं तो उन्हें निम्नलिखित इग्जेंप्शन से हाथ धोना पड़ेगा : इनकम टैक्स के नए विकल्प में फायदा या नुकसान? केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश बजट में करदाताओं को इनकम टैक्स पे करने के दो विकल्पों का तोहफा दिया है।
नए विकल्प में टैक्स रेट कम रखे गए हैं, लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स को तमाम टैक्स छूट से वंचित कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आपने टैक्स के नए विकल्प का चयन किया तो आपको सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, एचआरए पर टैक्स छूट तथा हाउजिंग लोन पर टैक्स छूट के फायदों से हाथ धोना पड़ेगा। इसलिए करदाता इस उलझन में हैं कि उनके लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा, पुराना या नया।
- वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलने वाला लीव ट्रैवेल अलाउंट इग्जेंप्शन।
- वेतनभोगी कर्मचारियों को सैलरी के हिस्से के रूप में मिलने वाला हाउस रेंट अलाउंस इग्जेंप्शन।
- सैलराइड टैक्सपेयर्स को मिलने वाला 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन।
- आयकर अधिनियम के सेक्शन 16 के तहत इंटरटेनमेंट अलाउंस और एंप्लॉयमेंट, प्रफेशनल टैक्स के लिए डिडक्शन।
- सेल्फ ऑक्यूपाई या खाली मकान के हाउजिंग लोन के इंट्रेस्ट पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट।
- इनकम टैक्स के सेक्शन 57 के क्लॉज के तहत फैमिली पेंशन पर 15,000 रुपये की टैक्स छूट।
- सेक्शन 80क् के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पर मिलने वाला डिडक्शन भी क्लेम नहीं कर पाएंगे।
- सेक्शन 80क्क् तथा 80 डीडीबी के तहत डिसेबिलिटी के लिए मिलने वाला टैक्स छूट भी नहीं ले पाएंगे।
- सबसे लोकप्रिय टैक्स छूट 80 बी का फायदा भी नए टैक्स विकल्प में नहीं मिलेगा।
- सेक्शन 80 ई के तहत एजुकेशन लोन पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट भी क्लेम नहीं कर पाएंगे।
- आईटी ऐक्ट के सेक्शन 80 जी के तहत चौरिटेबल इंस्टिट्यूशंस को दिए गए दान पर मिलने वाले टैक्स छूट का फायदा भी नहीं मिल पाएगा।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.