चर्तुसीमा का पता नहीं, हो गये वार्ड आरक्षित!

 

नगर पालिका वार्ड आरक्षण में चल रही जुबानी जंग, नहीं की लिखित आपत्ति!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिले की इकलौती नगर पालिका परिषद में वार्डों की तादाद दो से बढ़कर तीन दर्जन हो गयी है। वार्ड आरक्षण के साथ ही अब चर्चाओं का दौर जमकर आरंभ हो गया है। काँग्रेस इस मामले में मौन दिख रही है तो भाजपा पूरी तरह उबलती दिख रही है। किसी भी नेता के द्वारा अब तक किसी भी तरह की लिखित आपत्ति दर्ज नहीं करवायी गयी है।

काँग्रेस के अंदर चल रहीं चर्चाओं को अगर सही माना जाये तो काँग्रेस की योजना इस बार नगर पालिका परिषद पर कब्जा करने की है। काँग्रेस तीन बार से नगर पालिका में अपना अध्यक्ष नहीं बैठा पायी है। काँग्रेस इस बार हर संभव कोशिश में जुटी दिख रही है कि वह पालिका में परचम लहरा सके।

इधर, भाजपा के अंदरखाने से छन-छन कर बाहर आ रहीं खबरों पर अगर यकीन किया जाये तो हाल ही में की गयी वार्ड के आरक्षण की कार्यवाही पर नेताओं के द्वारा सवालिया निशान लगाये जा रहे हैं। वार्ड की चर्तुसीमा पहले तय की जाती है उसके बाद आरक्षण किया जाता है, पर नेताओं का कहना है कि वार्ड की चर्तुसीमा तय किये बिना ही वार्ड की आरक्षण प्रक्रिया को कर दिया गया है।

प्रशासनिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पुराने वार्डों को तोड़कर 12 नये वार्ड अस्तित्व में आये हैं। इस लिहाज़ से नगर पालिका में वार्डों की संख्या 24 से बढ़कर 36 हो गयी है। अब 36 वार्ड में निवास करने वाले लोगों को भी इस बात की जानकारी नहीं लग पा रही है कि वे किस वार्ड के निवासी हैं।

सूत्रों ने बताया कि 31 जनवरी के राजपत्र में भी सिवनी नगर पालिका के वार्ड आरक्षण की सूचना का प्रकाशन नहीं किया गया है। वार्ड के नक्शों के बारे में भी अभी कुहासा नहीं हट सका है। लोगों को यह पता भी नहीं चल पा रहा है कि आने वाले समय में वे किस वार्ड के निवासी होंगे!

प्रशासनिक सूत्रों ने यह भी बताया कि जिला मुख्यालय में वार्ड आरक्षण को लेकर तरह – तरह की चर्चाएं तो चल रहीं हैं किन्तु वार्ड आरक्षण में अगर किसी को शिकायत है तो उन्हें लिखित तौर पर अपनी शिकायत दर्ज करवाना चाहिये, किन्तु अब तक किसी के भी द्वारा लिखित तौर पर शिकायत दर्ज नहीं करवायी गयी है। इसके चलते अगर भविष्य में चर्तुसीमा का निर्धारण किसी नेता विशेष के कहने पर कर भी दिया जाता है तो नेता लकीर पीटते ही रह जायेंगे।

राजपत्र में नहीं हुआ प्रकाशन : बताया जाता है कि 31 जनवरी के राजपत्र में भी सिवनी नगर पालिका के आरक्षण या परिसीमन के संबंध में किसी तरह की सूचना का प्रकाशन नहीं हो पाया है।

 

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