धरती से घटा जल, बढ़ा संकट

 

समय रहते चेतने की है महती जरूरत

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। धरती से जल का गिरता स्तर, कम होती बारिश, बन रहे सूखे के हालात जल के अभाव की विकट स्थिति बनने की दस्तक हैं। भूमिगत जल स्तर का गिरना, नदी, तालाब, कुआं, हैण्डपंप का सूखना, फसल पर पड़ रही सूखे की मार जिले के लिये भविष्य का संकट बयां कर रही है।

इन हालात से निपटने के लिये जरूरत के मुताबिक इंतजाम हो पाना भी निकट भविष्य में संभव प्रतीत नहीं हो रहा। इस बार गर्मी भीषण रूप से पड़ने की संभावना जतायी जा रही है। खरीफ सीजन की तरह रबी सीजन में भी ग्रीष्मकाल आरंभ होने से पहले ही जल स्तर नीचे जाने लगा है। इस बार गर्मी में पानी के संकट से लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति खराब : जिले के शहरी क्षेत्रों में जल संकट की समस्या विकराल है, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हालात इससे भी ज्यादा खराब हैं। कई गाँवों में नल जल योजनाएं बंद पड़ी हैं। हैण्डपंप की स्थिति भी सहीं नहीं है, कई इलाकों में जल स्तर इस कदर नीचे जा पहुँचा है कि हैण्डपंप ने पानी उगलना बंद कर दिया है। अब ये बंद की स्थिति में पहुँच गये हैं।

तकनीकी अमला है बेपरवाह : गाँव में हैण्डपंप खराब होते हुए भी टैक्नीशियन सुधार कार्य के लिये नहीं जाते हैं। लंबे समय तक हैण्डपंप खराब होने के बाद भी पीएचई के टेक्नीशियंस इन्हें ठीक करने नहीं पहुँचते हैं। इसका खामियाजा गाँव के लोगों को भुगतना पड़ता रहा है। कई जगह यह स्थिति है कि पानी के लिये लोग दूर से पानी लाते हैं।

इन स्थानों पर पानी की समस्या : जिले के सभी ब्लॉक से लोग पानी की समस्या लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुँच रहे हैं, ताकि समाधान मिल सके। अधिकारी भी हर संभव समाधान का भरोसा दे रहे हैं, लेकिन समुचित प्रयास नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में सीलादेही, आमाझिरिया, बिठली, बम्होड़ी, बोरदई, चावड़ी, किंदरई, व्योहारी, ढुुठेरा, पाथरफोड़ी, सागर, बखारी, बलारपुर, हथनापुर, खैरी सहित कई और गाँव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा पानी के लिये कुछ विशेष प्रयास नहीं किया जा रहा है। यही स्थिति रही तो गर्मी में पानी के लिये हाहाकार मचा रहेगा।

बढ़ेगी हरियाली तो घटेगा संकट : गहराते जल संकट को कम करने के लिये आवश्यक है कि पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाये। जल संरक्षण के उपाय भी अहम हैं, जिससे गर्मी में जल संकट से कुछ राहत मिल सकती है। हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पौधे लगाना होगा। इसके जरिये ही जल संकट से निपटा जा सकता है।