निरीक्षण दल को मिलीं एसएनसीयू में चीटियां!

 

गंभीर अनियमितता को देखकर नाराज़ हुआ निरीक्षण दल!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। कायाकल्प अभियान के तहत जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने आये राज्य स्तर के दल की सूचना मिलने क बाद भी अस्पताल प्रशासन के द्वारा चाक चौबंद इंतजामात नहीं कराये जाना आश्चर्य का विषय माना जा सकता है। निरीक्षण दल को एसएनसीयू वार्ड में चीटियां मिलीं जिससे दल के सदस्यों ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जाँच दल जब सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) के निरीक्षण के लिये पहुँचा तो वहाँ वार्ड प्रभारी, इस दल को गायब मिले। इतना ही नहीं वार्ड में जहाँ नवजात बच्चों को रखा जाता है वहाँ दल ने बहुतायत में चीटियां रेंगते हुई पायीं। नवजात को इन चीटियों से संक्रमण का खतरा तो है ही साथ ही ये नवजात के अंगों को खा भी सकती हैं।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि एसएनसीयू में उन नवजात शिशुओं को रखा जाता है जो बीमार होते हैं। इन नवजात के पास प्रसूता भी नहीं रहती है। इस वार्ड में तापमान भी स्थिर रखा जाता है। इसके अलावा यहाँ नवजात को किसी तरह की असुविधा न हो इस बात का भी पूरा – पूरा ध्यान रखा जाता है।

सूत्रों की मानें तो इस वार्ड के रखरखाव और निर्माण के लिये केंद्र सरकार की नेशनल हेल्थ मिशन योजना के तहत भारी भरकम आवंटन मिलता है। इस वार्ड में पेस्ट कंट्रोल के लिये भी भारी भरकम राशि हर साल आवंटित की जाती है ताकि इसे कीट, पतंगों, चीटियों, चूहों, काकरोच आदि से मुक्त रखा जा सके।

सूत्रों ने यह भी बताया कि इस वार्ड के लिये चार चिकित्सकों की तैनाती की गयी है जो आठ – आठ घंटे अपनी ड्यूटी देते हैं, इनमें से एक चिकित्सक को वार्ड का प्रभारी भी बनाया गया है। निरीक्षण दल के द्वारा जब यहाँ चीटियां पायीं गयीं तब वार्ड प्रभारी को तलब किया गया किन्तु वार्ड प्रभारी चिकित्सक मौके से नदारद ही मिले। इसके अलावा यहाँ वार्ड में उपयोग किये जाने वाले उपकरणों का स्टलाईजेशन (कीटाणु रहित करने की प्रक्रिया) भी मानक आधार पर नहीं की गयी थी।

सूत्रों ने कहा कि जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा जिला अस्पताल की सूरत बदलने में किसी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है किन्तु जिला चिकित्सालय प्रशासन के द्वारा इस मामले में जो लापरवाही की जा रही है, वह किसी से छुपी नहीं है। अस्पताल प्रशासन की मंशा इस तरह की प्रतीत हो रही है मानो वह चाह रहा हो कि कायाकल्प अभियान में जिला चिकित्सालय फिसड्डी ही साबित हो!

सूत्रों ने यह भी बताया कि एसएनसीयू वार्ड को सीसीटीवी की जद में रखा गया है। सीसीटीवी के जरिये इन वार्डस पर मुख्यालय भोपाल से सीधी नज़र रखी जाने के बाद भी इस तरह की लापरवाही होना अपने आप में आश्चर्य का विषय ही माना जायेगा। एसएनसीयू वार्ड प्रभारी का न मिलना, उपकरणों को कीटाणु रहित न करने आदि के मामले में जाँच दल नकारात्मक छवि लेकर गया हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये।