दुनिया के सात नए अजूबे

 

दुनिया के अजूबे ऐसे प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं का संकलन है, जो अपनी अद्भुत कला, संरचना, खूबसूरती से मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं। प्राचीन काल से वर्तमान काल तक दुनिया के अजूबों की ऐसी कई विभिन्न सूचियां तैयार की गयी हैं। लगभग 2200 साल पहले यूनान के विद्वानो ने दुनिया के सात अजूबों की सूची तैयार की थी और यही सात अजूबे लगभग 2100 सालों तक दुनिया मे प्रचलित रहे। लेकिन 1999 मे इसे संशोधित की बात चली क्योंकि पुरानी इमारतों में अधिकांश टूट-फुट चुकी थीं। 2007 पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दुनिया के सात नए अजूबे के नामों की घोषणा की गई। दुनिया के प्राचीन सात अजूबों में गीजा के पिरामिड, बेबीलॉन के झूलते बाग, ओलम्पिया में जियस की मर्ू्ति, अर्टेमिस का मन्दिर, माउसोलस का मकबरा, रोडेस कि विशालमूर्ति और ऐलेक्जेन्ड्रिया के रोशनीघर शामिल थे। वर्तमान में गीजा के पिरामिड के अलावा अन्य सभी अजूबे ध्वस्त हो चुके हैं। तो जानते हैं दुनिया के सात नए अजूबे के बारे में :

  1. चीन की दीवार, चीन – चीन की उत्तरी सीमा पर बनाई गई यह दीवार दुनिया की सबसे लंबी मानव निर्मित रचना है। यह करीब 6500 किलोमीटर लंबी है और इसकी ऊंचाई 35 फीट है। यह दीवार चीन को सुरक्षा देती है। इस दीवार का निर्माण पांचवी सदी ईसा पूर्व में शुरू हुआ और 16वीं सदी तक जारी रहा।
  2. जार्डन का पेट्रा, जॉर्डन – पश्चिमी एशिया के जॉर्डन में स्थित पेट्रा एक ऐतिहासिक शहर है। यह लाल बलुआ पत्थरों से बनी इमारतों के लिए प्रसिद्ध है। यहां मौजूद इमारतों में 138 फुट ऊंचा मंदिर, ओपन स्टेडियम, नहर तालाब आदि शामिल हैं। यहां की इमारतों की दीवारों पर हुई नक्काशी बेहद खूबसूरत है।
  3. क्राइस्ट द रिडीमर, ब्राजील – ब्राजील के रियो डी जेनेरो में कार्काेवैडो पर्वत की चोटी पर जीसस क्राइस्ट की क्राइस्ट द रिडीमर नाम की मूर्ति स्थित है। करीब 32 मीटर ऊंचे इस स्टैच्यू का वजन 700 टन है। इसका निर्माण 1922 से 1931 के बीच किया गया था।
  4. ताजमहल, भारत – मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताजमहल को बनकर तैयार होने में करीब 20 साल का वक्त लगा था। ताज को मुगल शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसी खूबसूरत इमारत दोबारा न बन सके इसलिए शाहजहां ने निर्माण पूरा होने के बाद कारीगरों के हाथ काट दिए थे।
  5. रोम का कॉलोसियम, इटली – यह एक विशाल स्टेडियम है। इसका निर्माण 70वीं सदी में सम्राट वेस्पेसियन ने शुरू करवाया था। कहा जाता है कि इस स्टेडियम में 50 हजार लोग जंगली जानवरों और गुलामों के बीच खूनी लड़ाई का खेल देखते थे। इस स्टेडियम की वास्तुकला ऐसी है कि इसकी नकल करना संभव नहीं है।
  6. चिचेन इट्जा के पिरामिड, मैक्सिको – मेक्सिको में स्थित चिचेन इट्जा माया सभ्यता के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक है। यहां कुकुल्कन का पिरामिड, चाक मूल के मंदिर, हजार पिलरों का हॉल और कैदियों के लिए बनाए खेल के मैदान आज भी देखे जा सकते हैं। यहां कुकुल्कन का पिरामिड स्थित है जो 79 फीट ऊंचा है, जिसकी चारों दिशाओं में 91 सीढ़ियां हैं। इसकी हर सीढ़ी साल के एक दिन का प्रतीक है, इस पिरामिड के ऊपर बना चबूतरा साल के 365वें दिन का प्रतीक है।
  7. माचू पिच्चू, पेरू – दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में जमीन से 2430 फीट ऊंचाई पर माचू पिच्चू नाम का शहर है जिसे 15वीं शताब्दी में बसाया गया था। एंडीज पर्वतों के बीच यह शहर इंका सभ्यता का है। माना जाता है कि पहले ये नगर संपन्न हुआ करता था। स्पेन के आक्रमणकारी अपने साथ यहां चेचक जैसी बीमारियां लेकर आ गए जिससे धीरे-धीरे ये शहर पूरी तरह से तबाह हो गया।

दुनिया के सात नए अजूबे में हमारे देश की संपत्ति भी शामिल हुई है इस बात पर हमें गर्व करना चाहिए। उम्मीद करते हैं आगे भी ताजमहल दुनिया के अजूबों में शामिल रहेगा। बस इसके रख रखाव पर ध्यान देना होगा।

(साई फीचर्स)