मीटर वाचकों की लापरवाही से नहीं मिल रहा योजना का लाभ!

 

सिवनी में विद्युत विभाग के द्वारा मीटर रीडिंग का कार्य जिन लोगों के जिम्मे दिया गया है उनके द्वारा यह कार्य अत्यंत ही लापरवाही पूर्वक किया जा रहा है और इसी से संबंधित मेरी शिकायत है।

मीटर वाचकों के द्वारा मनचाहे समय पर मीटर की रीडिंग की जा रही है जिसके कारण लोगों के द्वारा की जाने वाली औसत खपत मेें भारी अंतर आ जाता है। मीटर रीडिंग जब काफी विलंब से की जाती है तब मध्य प्रदेश सरकार की योजना के तहत दी जाने वाली 100 यूनिट की खपत पर बिजली के बिल में छूट पर तो दूर की बात है यह 150 यूनिट के भी पार चला जाता है।

सिवनी में मीटर वाचकों के द्वारा यदि किसी महीने 17 तारीख को मीटर की रीडिंग की जा रही है तो उसके अगले महीने यह 25 तारीख को की जाती है। आश्चर्य की बात तो यह है कि उक्त तिथि बिजली के बिल में भी अंकित होती है, इसका सीधा सा यही मतलब निकाला जा सकता है कि मीटर वाचक के द्वारा की जा रही लेट लतीफी का रिकॉर्ड विद्युत विभाग के पास रहता ही है लेकिन उसके बाद भी विद्युत विभाग के द्वारा ठेकेदार से यह पूछने की जहमत नहीं उठायी जाती है कि इस तरह की अनियमितता मीटर रीडिंग में क्यों की जा रही है।

यहाँ तारीख की बात को भी यदि छोड़ दिया जाये तो किसी-किसी महीने तो मीटर वाचक, रीडिंग करने के लिये पहुँचते ही नहीं हैं जिसके चलते उपभोक्ता को उस महीने तो बिल में राहत मिल जाती है लेकिन उसके अगले महीने जब दोनों महीनों की यूनिट जुड़कर आती हैं तब ऐसा लगता है जैसे विद्युत विभाग के द्वारा अपने उपभोक्ता की जेब में डाका डाल दिया गया हो। भारी भरकम बिल देखकर उपभोक्ता के होश फाख्ता हो जाते हैं।

आवश्यकता इस बात की है कि विद्युत विभाग के द्वारा इस बात को प्रचारित किया जाये कि यदि मीटर वाचक नियत तिथि या उसके आसपास, रीडिंग करने के लिये नहीं पहुँच रहा है तो उसकी सूचना विद्युत विभाग को दे दी जाये और उसके लिये फिर विभाग के द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाये ताकि उपभोक्ता अपने आप को लुटा हुआ न महसूस कर सके।

जब्बार खान