डूब क्षेत्र के भू माफियाओं ने अपनाया शिकायतों का रास्ता

 

वसूली से बचने के लिये राजनीति का ले रहे हैं सहारा!

(ब्यूरो कार्यालय)

छपारा (साई)। छपारा क्षेत्र में किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली कृषि भूमि पर शासन को भूमि कर एवं जल कर राजस्व के रूप में किसानों को देना होता है, लेकिन छपारा भीमगढ़ बांध के बैनगंगा नदी तट पर पानी से खुलने वाली भूमि पर कुछ बड़े रसूखदार किसान भी सक्रिय हैं जो अपनी राजनीतिक धौंस के चलते पट्टे से प्राप्त भूमि से अधिक भूमि पर खेती कर रहे हैं।

बताया जाता है कि कुछ किसानों को एक से दो हेक्टेयर भूमि का कृषि कार्य हेतु पट्टा दिया गया है लेकिन वही किसान 10 से 20 हेक्टेयर भूमि पर कृषि कर रहे हैं। इस कारण वास्तविक गरीब किसानों को डूब क्षेत्र की भूमि पर कृषि करने का अवसर नहीं मिल पाता और रसूखदार किसानों के पास 15 से 20 हेक्टेयर तक भूमि कृषि हेतु उपलब्ध होती है।

डूब क्षेत्र भीमगढ़ बांध क्षेत्र में कृषि करने वाले ऐसे सैकड़ों किसान हैं जिन से लाखों रुपये की राजस्व वसूली बाकी है जिसमें प्रमुख है मनीराम, अख्तर खान, अतहर खान, अहमद अली, साहिन, गया प्रसाद, बालकराम सुमेरी, कमला बाई, हेमचंद, सीताराम लोमस आदि से 10 लाख रुपये से अधिक राजस्व वसूली बकाया है। यदि शासन द्वारा सख्ती से वसूली की जाये तो राजस्व में बढ़ौत्तरी हो सकती है।

छपारा डूब क्षेत्र भीमगढ बांध में कई वर्षों से बकाया वसूली व 2018 – 2019 में की गयी इस डूब क्षेत्र की राजस्व वसूली अमीन पटवारी उमेश शर्मा द्वारा शासन हित में सामंजस्य स्थापित कर वसूली की गयी जिसमें राजस्व आय के रूप में 02 वर्षों में लगभग 70 लाखों रुपये आय प्राप्त हुई।

इस संबंध में बताया गया है कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रतिवर्ष महज़ 10 से 12 लाख रूपये राजस्व आय प्राप्त होती थी लेकिन शासन के नियमों के तहत वर्तमान वर्षों में प्रतिवर्ष 25 लाख रुपये से अधिक राजस्व वसूली हो रही है। इसके बाद भी कुछ रसूखदार राजनीतिक पकड़ रखने वाले किसान, राजस्व वसूली की चोरी कर रहे हैं। यदि शासन चाहे और नियमानुसार वसूली की जाये तो प्रतिवर्ष 30 से 35 लाख रुपये से अधिक डूब क्षेत्र की राजस्व आय प्राप्त हो सकती है।