. . . मतलब काँग्रेस जिलाध्यक्ष की शिकायत थी झूठी!

 

 

साल बीतने के बाद भी अब तक जाँच के बारे में मौन है काँग्रेस

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला काँग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता रहे स्व.जकी अनवर खान के निधन को एक साल पूरा होने को आया है, पर काँग्रेस के द्वारा अपनी सरकार रहते हुए भी उनके निधन के दौरान जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की जाँच निष्पक्ष रूप से कराने में पसीना आता ही दिख रहा है।

ज्ञातव्य है कि गत वर्ष 16 एवं 17 फरवरी की दरमियानी रात में काँग्रेस के तत्कालीन प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता को अस्वस्थ्यता के चलते इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था। देर रात उनका निधन हो गया था। इस मामले में काँग्रेस का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उनका निधन हुआ था।

इसके उपरांत जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना ने इस मामले को संज़ीदगी से लेते हुए अधिवक्ता जकी अनवर के निधन के मामले में जिला चिकित्सालय प्रबंधन पर सवालिया निशान लगाते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ से इसकी शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा जाँच के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पाबंद किया गया था।

सीएमएचओ कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसके लिये सीएमएचओ के द्वारा एक जाँच दल का गठन किया गया था, इसके उपरांत जाँच लंबे समय तक लंबित रही। अचानक ही जाँच दल के सदस्यों को बदल दिया जाकर जाँच को आरंभ कराया गया।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बयान भी लिये गये थे। जाँच दल के द्वारा इस मामले में किसी तरह की लापरवाही न होना पाया गया है। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि जाँच रिपोर्ट से तो यही प्रतीत हो रहा था कि काँग्रेस के जिलाध्यक्ष के द्वारा इस मामले में झूठी शिकायत की गयी थी।

सूत्रों ने यह भी बताया कि काँग्रेस के जिलाध्यक्ष राज कुमार खुराना के द्वारा काँग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के निधन के मामले में की गयी शिकायत और शिकायत की जाँच में क्या पाया गया, इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिये, पर इस मामले में साल बीतने के बाद भी काँग्रेस के आलंबरदार नेता अगर मौन साधे हुए हैं, तो इसे क्या माना जाये!

इधर, काँग्रेस के अंदर चल रहीं चर्चाओं के अनुसार प्रदेश में काँग्रेस सत्तारूढ़ भले ही हो गयी हो, पर जिले भर में अफसरशाही इस कदर हावी है कि आम कार्यकर्त्ता और जनता के हाल बेहाल हैं। चर्चाओं के अनुसार अफसरशाही और बाबूराज तो भाजपा के राज में इतना हावी नहीं था, जितना कि वर्तमान में दिखायी दे रहा है।