कन्हैया कुमार, उमर, अनिर्बान सहित 10 पर मुकदमे को दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। केजरीवाल सरकार ने जेएनयू देशद्रोह केस में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद सहित 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने की आखिरकार मंजूरी दे दी।

केजरीवाल सरकार के प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट ने पुलिस की स्पेशल सेल को मंजूरी दी है। यह मामला करीब एक साल से दिल्ली सरकार के पास लटका हुआ था और बीजेपी लंबे समय से केजरीवाल सरकार को इस पर घेर रही थी।

उल्लेखनीय है कि 19 फरवरी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि देशद्रोह मामले में आरोपी कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर संबंधित विभाग से जल्द फैसले लेने कहा जाएगा। केजरीवाल का बयान तब आया था जब दिल्ली की एक अदालत ने उसी दिन आप सरकार को देशद्रोह केस में मुकदमा चलाने की मंजूरी के मुद्दे पर 3 अप्रैल तक स्टेटस दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वह सरकार को मुकदमे की मंजूरी देने की याद दिलाए।

उस समय मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा था, ‘मुझे संबंधित विभाग (गृह) से कुछ कहने का अधिकार नहीं है। मैं विभाग का फैसला नहीं बदल सकता, लेकिन मैं उन्हें इसपर जल्द से जल्द फैसला लेने को कहूंगा।

गौरतलब है कि पुलिस ने कन्हैया कुमार, जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य लोगों के खिलाफ अदालत में 14 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में कहा गया था कि आरोपियों ने 9 फरवरी, 2016 को परिसर में एक समारोह में लगाए गए देशद्रोह के नारों का समर्थन किया और जुलूस निकाला था ।

क्या है पूरा मामला

9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरू और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को अरेस्ट किया गया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने इस नारेबाजी का समर्थन किया था। कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे। इस अरेस्ट के खिलाफ देशभर में अलग-अलग यूनिवर्सिटी कैम्पस में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था। हालांकि, बाद में तीनों को जमानत दे दी गई थी।