रंगपंचमी पर इंदौर में निकलेगी गेर

 

72 साल पुरानी परंपरा कायम, कोरोना के खौफ से एक निरस्‍त

(ब्‍यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। रंगों के त्योहार रंगपंचमी पर 72 साल से चली आ रही गेर की परंपरा एक बार फिर शनिवार को राजवाड़ा चौक पर नजर आएगी। इसमें हर चेहरे पर लाल-गुलाबी रंग पुतेगा और सद्भाव के गुलाल से आसमान में तिरंगा बनेगा। इसके साक्षी बनने के लिए महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े और युवा सभी जुटेंगे।

इस वर्ष टोरी कॉर्नर, संगम कॉर्नर, रसिया कॉर्नर और मॉरल क्लब की चार गेर निकलेंगी लेकिन हिंद रक्षक संगठन की राधाकृष्ण फाग यात्रा को कोरोना के चलते आयोजक ने निरस्त कर दिया है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में समय के साथ कई बदलाव आए हैं। कभी राजवाड़ा पर राजा और प्रजा साथ मिलकर रंग-गुलाल के इस पर्व में शामिल होते थे। देश की आजादी के बाद इस उत्सव का रंग-रूप बदल गया।

क्षेत्र के व्यापारी ओमप्रकाश शास्त्री बताते हैं कि वे 57 साल से गेर देख रहे हैं। शुरुआती दौर में संगम कॉर्नर पर रंगों से भरे कढ़ाव में शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति को डुबोने की परंपरा थी। व्यक्ति को टाट के कपड़े पहनाकर सब्जियों की माला पहनाई जाती थी। कपड़ा व्यवसायी इंद्रकुमार सेठी बताते हैं कि इसमें लोग घोड़े-बग्घियों पर रंग उड़ाते निकलते थे। अब वाहन पर मिसाइलों से रंग उड़ाया जाता है।

टोरी कॉर्नर : मिसाइलों से बरसाएंगे रंग

टोरी कॉर्नर रंगपंचमी समिति की 73वीं गेर सुबह 10 बजे मल्हारगंज से निकाली जाएगी। आयोजक शेखर गिरि का कहना है कि गेर गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा, बड़ा सराफा, सीतलामाता बाजार, इतवारिया बाजार होते हुए टोरी कॉर्नर पर समाप्त होगी। हर बार की तरह इस बार भी मिसाइलों से रंग छोड़ा जाएगा। लोगों को भिगोने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली की व्यवस्था भी की गई है।