शहर में गुलाबी ठंड के साथ हेल्दी मौसम का आगाज हो गया है। जैसे जैसे ठंड पड़नी शुरू हुई है शहर के अस्पतालों की ओपीडी में गिरावट दर्ज की जा रही है। डॉक्टरों का मानना है कि यह मौसम शहर के लोगों के लिए हेल्दी है लेकिन इस मौसम में सुबह शाम पड़ने वाली हल्की ठंड में बच्चों और बुजुर्गों को नुकसान होने की संभावना है। अगर बीके अस्पताल की ओपीडी पर ध्यान दें तो पता चलता है कि शहर में ठंड बढ़ने के साथ डेली ओपीडी में तो काफी गिरावट है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को होने वाली वायरल, निमोनिया, अस्थमा, हार्ट और स्किन डिजीज का ग्राफ बढ़ा हुआ है। डॉक्टर्स का मानना है कि वैसे तो ठंड का मौसम हेल्दी होता है लेकिन अगर अस्थमा और हार्ट पेशंट्स ने इस मौसम में केयर नहीं की तो यह उनके लिए काफी हानिकारक हो सकता है।
बच्चों में बढ़ जाती हैं बीमारियां
वायरल- निमोनिया: पिछले 8- 10 दिनों से ओपीडी में वायरल के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें 65 पर्सेंट संख्या बच्चों की है। चिकित्सक कहते हैं कि ठंड शुरू हो चुकी है। सुबह-शाम की ठंड बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। इसलिए जरूरी है कि पैरंट्स बच्चों का खास ध्यान रखें। छोटे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं। पानी भी हल्का गुनगुना पीने के लिए दें। नहाने के लिए भी गर्म पानी यूज करें। ये सभी बातें बुजुर्गों के लिए भी हैं। इस उम्र में दोनों का ही इम्युन सिस्टम कमजोर होता है। उन्हें ऐसी चीजों से बचाना चाहिए, जो उन्हें बीमार कर दें। इसलिए बुखार को नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यही टाइम है जब बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। ठंड बढ़ने पर समस्या बढ़ सकती है।
अस्थमा-हार्ट
अस्थमा और हार्ट पेशंट्स को अभी से अलर्ट रहना होगा। जरा सी भी लापरवाही उनके लिए घातक हो सकती है। जाड़े का मौसम आते ही अस्थमा के मरीजों की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। ज्यादा ठंड उन्हें बर्दाश्त नहीं होती। यही हाल हार्ट पेशंट का होता है। चिकित्सतकों का कहना है कि उक्त दोनों तरह के मरीजों को ध्यान रखना होगा कि ठंड में बाहर न निकलें। मॉर्निंग वॉक को नजरअंदाज करना चाहिए। सर्दियों में अपना खान-पान भी बदलना चाहिए। बाहर वॉक करने की बजाय घर में ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। अस्थमा के मरीजों को अपना इन्हेलर हमेशा साथ में रखना चाहिए। कई बार ठंड और पलूशन दोनों का अटैक एक साथ होने से अस्थमा अटैक हो सकता है। हार्ट पेशंट्स के लिए भी यही सलाह है कि डॉक्टर से समय पर चेकअप कराएं। डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली सलाह को फॉलो करें।
स्किन प्रॉब्लम
इस मौसम में स्किन की समस्या भी होती है। स्किन स्पेशलिस्टस के अनुसार अब स्किन ड्राई होने लगी है। ड्राई स्किन से इंफेक्शन हो सकता है। जिनकी स्किन ड्राई होती है, उन्हें ज्यादा समस्या आती है। कई बार आंखों की पलकों में भी ड्राइनेस हो जाती है। जिसका समय पर इलाज न करने से आंखों में प्रॉब्लम पैदा हो सकती है। सर्दियों में फंगल इन्फेक्शन भी हो जाता है। इसके अलावा कई बार लोग रूखी त्वचा को खुजला देते हैं। इस तरह स्किन रगड़ने से रेशेज हो जाते हैं। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए कोई भी लोशन लगाया जा सकता है, लेकिन ब्रांडेड कॉस्मेटिक कंपनी का हो। लोकल प्रॉडक्ट से साइड इफेक्ट हो सकता है।
(साई फीचर्स)