जिला मुख्यालय के सबसे बड़े कॉम्प्लेक्स में नहीं एक अदद मूत्रालय!

 

 

स्वच्छता का दंभ ठोकने वाली सिवनी नगर पालिका की कार्यप्रणाली इसी से बेहतर समझी जा सकती है कि उसके द्वारा सिवनी में मूत्रालयों की उपयोगिता की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, शौचालयों की तो बात ही दूर की कौड़ी है। इसी प्रकार की कार्यप्रणाली से मुझे शिकायत है।

सिवनी के विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक मूत्रालयों की कमी महसूस की जा रही है लेकिन उसकी उपलब्धता पर संबंधितों का ध्यान ही नहीं जा पा रहा है। इन क्षेत्रों में बारापत्थर जैसा क्षेत्र भी शामिल है जहाँ वीआईपी लोग निवास करते हैं और जिसे पॉश इलाका भी माना जाता है। इस क्षेत्र में ही शहर का महत्वपूर्ण चौराहा बाहूबली चौक स्थित है।

बाहूबली चौक के इर्द गिर्द कई महत्वपूर्ण संस्थाएं स्थित हैं जिनमें जिला चिकित्सालय भी शामिल है। कई शिक्षण संस्थाएं भी यहीं मौजूद हैं, कई कार्यालय यहाँ पर लंबे समय से संचालित हो रहे हैं। इस तरह बारापत्थर क्षेत्र सभी दृष्टियों से महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन यहाँ सार्वजनिक मूत्रालयों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है।

गौरतलब होगा कि इसी क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी स्थित हैं। इन प्रतिष्ठानों के संचालकों को खुले में ही लघुशंका से निवृत्त होते हुए देखा जा सकता है। मजे की बात तो यह है कि यहीं पर शहर का सबसे बड़ा कॉम्प्लेक्स भी बना हुआ है जो रोगी कल्याण समिति का है। इस कॉम्प्लेक्स में कहीं भी मूत्रालय के लिये स्थान नहीं दिया गया है। लोग आज भी इस बात पर आश्चर्य ही करते हैं कि रोगी कल्याण समिति के कॉम्प्लेक्स का निर्माण जब प्रस्तावित था तब ही इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। इस क्षेत्र में आने वाले लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यही रहती है कि वे लघुशंका से कहाँ निवृत्त हो पायेंगे।

लघुशंका से निवृत्त होने के लिये जब कोई स्थान नज़र नहीं आता है तब लोग खुले में ही अर्थात किसी दुकान की आड़ में ही मूत्र त्याग करना आरंभ कर देते हैं जिसके कारण लोगों के बीच वाद विवाद की भी स्थिति बनती है। पुरूष वर्ग तो जैसे तैसे लघुशंका से निवृत्त हो भी लेता है लेकिन महिलाएं परेशान ही होती रहतीं हैं। यह स्थिति आज की नहीं बल्कि वर्षों से चली आ रही है उसके बाद भी कोई भी जिम्मेदार, आम जनता को इस परेशानी से निज़ात दिलाने के लिये इच्छुक नज़र नहीं आ रहा है।

अविनाश भार्गव