महामारी से निपटने होगा हनुमान चालीसा का पाठ

महामारी जैसे संकट से उबरने आत्मशक्ति के जागरण के लिये होगा सवालाख हनुमान चालाीसा पाठ

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। गौ, गीता, गंगा महामंच की और से सामूहिक रूप से सवालाख हनुमान चालीसा का पाठ का लक्ष्य रखा गया है। जिसमे अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संगठनो के माध्यम से भी आम जन की सहभागिता सुनिश्चत करते हुये लक्ष्यको प्राप्त करने को कहा गया है।

पाठ का श्रीगणेश मंगलवार के दिन से प्रारंभ किया जाकर हनुमान जयंती तक किया जाना है। प्रत्येक व्यक्ति मंदिरो व सार्वजनिक स्थलो से दूरी बनाये रखते हुये अपने घर पर ही रहकर 11, 21, 51, 108 यथाशक्ति लक्ष्य निर्धारित कर राश्ट्र कल्याण की भावना से चालीसा का पाठ करें।

गौ, गीता, गंगा महामंच के अध्यक्ष पं रविकान्त पाण्डेय ने बताया कि मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और फिर दूसरे ही दिन बुधवार को हनुमान जयंती का सुखद संयोग सोने मे सुहागे जैसा है इन दिनो मे हनुमान चालीसा का पाठ करने से कई प्रकार के संकटों से निजात मिलती है।

पाण्डेय ने बताया कि इस समय कोरोना वायरस एक विशाल संकट के रूप में पूरी दुनिया पर मंडरा रहा हैै। भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं है। लॉकडाउन के चलते लोग घरों में अपने आप को सुरक्षित किए हुए हैं। ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ लोगों को जहां मन की शांति प्रदान करेगा वहीं इस संकट से उभरने में आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा। हर संकट का निवारण प्रभु हनुमान के पास हैं, हनुमान चालीसा में कहा गया है नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत वीराउनके नाम से ही बड़े से बड़े रोगों का विनाश हो जाता है। ऐसे समय मे जो लोग घर पर समय व्यतीत कर रहे हैं उनके लिए इस महापर्व मे हनुमान चालीसा का पाठ अधिक श्रेयष्कर हैं।

पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पं सुमित चौबे ने बताया कि हनुमान चालीसा में 40 छंद होने के कारण इसे चालीसा कहा जाता है. जब मन अशांत होता है जीवन में कोई बड़ा संकट आता है या फिर शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव में व्यक्ति होता है तो उसे हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

ऐसा करने से समस्याएं कम होती हैं। लक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी पं हेमंत त्रिवेदी ने बताया कि मान्यता है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से राम भक्त हनुमान प्रसन्न होते हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। जो लोग इसका पाठ नियम पूर्वक करते हैं उनमें बल- बुद्धि का विकास होता है क्योंकि हनुमान जी को बल-बुद्धि का दाता माना गया है.

गौ, गीता, गंगा महामंच के अध्यक्ष पं रविकान्त पाण्डेय ने सभी सनातन धर्मावलंबियो से अधिक से अधिक हनुमान चालीस का पाठ करने की विनम्र अपील करते हुये बताया कि प्राण तत्व जितना अधिक मजबूत होगा षरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी उतनी अधिक होगी। कलिकाल मे प्राण तत्व के देवता जिन्हे पवनपुत्र हनुमान के नाम से जाना जाता है। ऐसे मे इस सुखद संयोग मे राष्ट्र कल्याण की भावना से पवनपुत्र हनुमान की आराधना पाठ पूजा अनंत गुणा फलदायिनी साबित होगी।

प्राण तत्व को मजबूत करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ ही है अन्य चीजो मे विधि विशेश का पालन करना होता है लेकिन हनुमान चालीसा समस्त मानव जाति के लिये सर्वविध कल्याणकारी है। इसके साथ ही प्रतिदिन गौ माता के पूजन के साथ गोमूत्र सेवन करने से इस वायरस से लड़ने में सहायता मिलेगी।

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