अव्यवस्थित बाहुबली चौराहा

(शरद खरे)

एक समय था जबकि शहर के व्यापार की रीढ़ बुधवारी बाजार हुआ करता था। कालांतर में जनसंख्या के दबाव के चलते शहर का विकास आरंभ हुआ और एक समय में निर्जन पड़ा रहने वाला बारापत्थर क्षेत्र आज गुलज़ार हो चुका है। बारापत्थर का प्रवेश द्वार माना जाता है बाहुबली चौराहे को। बाहुबली चौराहे पर इस समय लगभग दो सौ से ज्यादा दुकानें हैं।

इसके बाद भी बाहुबली चौराहा क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है। बाहुबली चौराहा पूरी तरह अतिक्रमण और अव्यवस्था की जद से घिरा ही दिखता है। यह चौराहा एसपी बंग्ले और कलेक्टर बंग्ले को जाने वाले मार्ग पर अवस्थित है। इस मार्ग को लोग शहर के राजपथ की संज्ञा भी देते हैं।

बाहुबली चौराहे पर अनेक कॉम्प्लेक्स हैं पर स्मृति धर्मशाला कॉम्प्लेक्स को छोड़कर किसी भी कॉम्प्लेक्स में एक भी शौचालय या मूत्रालय नहीं है। इसकी वजह से यहाँ के दुकानदार और खरीदी करने आने वाले ग्राहकों को मजबूरी में यहाँ-वहाँ जाकर लघुशंका से निवृत्त होने के लिये मजबूर होना पड़ता है।

बाहुबली चौराहे को लेकर नगर पालिका प्रशासन के द्वारा भी प्रयोग किये जाते रहे हैं। कभी यहाँ बड़ा सा फव्वारा बना दिया जाता है जो सालों तक गंदे पानी और मच्छरों के लिये उपजाऊ माहौल निर्मित करता रहा। इसके बाद इसे तोड़कर यहाँ यातायात पुलिस के स्टॉपर्स लगाकर अस्थायी रोटरी बना दिया जाता है।

कुछ साल पहले तक ट्रक के टायर बीच में रखकर इस चौराहे से यातायात नियंत्रित किया जाता रहा है। वर्तमान में यातायात पुलिस को खड़े होकर यातायात नियंत्रित करने के लिये चबूतरा बनाकर एक छतरी लगा दी गयी है। इस चौराहे से चारों ओर जाने वाले मार्गों पर अगर नजर डाली जाये तो कुछ मार्ग संकरे तो कुछ चौड़े नजर आते हैं।

आग लगने जैसे मौकों पर दमकल जब यहाँ से गुजरती है तो उसे यहाँ से गुजरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार की शाम दमकल किस तरह यहाँ से गुजरी यह देख लोग हतप्रभ ही रह गये। पुलिस चाहे तो चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे से इसकी तसदीक कर सकती है।

आज आवश्यकता इस बात की है कि शहर के अति व्यस्ततम चौराहे की श्रेणी में शामिल हो चुके इस चौराहे को व्यवस्थित किया जाये। यहाँ से होकर प्रशासन, पुलिस के आला अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि भी रोज ही गुजरते हैं पर किसी को भी इस चौराहे को व्यवस्थित करने में दिलचस्पी नहीं दिखती है।

इस चौराहे पर सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। यहाँ सड़कों पर बने कॉम्प्लेक्स में आने वाले खरीददार अपने वाहनों को कहाँ खड़ा करें, यह यक्ष प्रश्न सालों से बना हुआ है। इस चौराहे पर दिन ऊगने के बाद तारीख बदलने (रात बारह बजे) के बाद तक भीड़-भाड़ देखी जा सकती है।