निजि चिकित्सकों को दिए गए पीपीई, मास्क

जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने आरंभ की तैयारियां

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय प्रबंधन के द्वारा कोरोना कोविड 19 को लेकर अब तैयारियां युद्ध स्तर पर आरंभ कर दी गई हैं। सेकंड लाईन डव्हलप करने या बैकअप प्लान को अब चिकित्सालय प्रशासन ने अमली जामा पहनाना आरंभ कर दिया है। ब्रहस्पतिवार को अस्पताल प्रशासन ने निजि चिकित्सकों को पीपीई और मास्क प्रदाय किए गए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा पांच निजि चिकित्सकों को जिला चिकित्सालय में सेवाएं देने के लिए आदेश किया गया था। इन चिकित्सकों को 22 अप्रैल तक सीएमएचओ कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करना था। इनमें से चार चिकित्सकों के द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया।

सूत्रों की मानें तो इन निजि चिकित्सकों को 22 अप्रैल को ही जिला चिकित्सालय में सेवाएं देने के लिए भेज दिया गया था। इन चिकित्सकों को चार चार पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) और एन 95 गुणवत्ता वाले मास्क प्रदाय कर दिए गए हैं। अब इन्हें अगर कोरोना कोविड 19 के संक्रमित मरीजों का परीक्षण करना होगा तो इन्हें इसका उपयोग करना होगा।

सूत्रों ने यह भी बताया कि अब तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा जिले में पंजीकृत एवं अधिकृत चिकित्सकों की सूची जारी नहीं की गई है। इसके पीछे क्या कारण है यह बात तो प्रभारी सीएमएचओ ही बता सकते हैं, पर इससे निजि चिकित्सकों में रोष भी पनपता दिख रहा है।

सूत्रों ने बताया कि जिन चिकित्सकों की ड्यूटी जिला चिकित्सालय में लगाई गई है उनके बीच यह चर्चा भी चल रही है कि सेकण्ड लाईन या बैकअप के लिए महज पांच चिकित्सकों को ही पाबंद किया गया है, जबकि सीएमएचओ कार्यालय को चाहिए कि उसके द्वारा पंजीकृत एवं अधिकृत निजि चिकित्सकों की सूची जारी की जाकर उसमें से चिकित्सकों को छांटा जाकर इसके लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाना चाहिए कि अगर ये चिकित्सक भी कोरोना संक्रमित हो गए तब क्या होगा!

सूत्रों ने बताया कि फर्स्ट लाईन में जिला चिकित्साल में पदस्थ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद सेकण्ड लाईन या विकल्प के बतौर पांच चिकित्सकों को पाबंद किया गया है, जिसमें से चार चिकित्सकों ने अपनी आमद दे दी है। इसके बाद के लिए भी कार्ययोजना तैयार करना बहुत जरूरी है।

इधर, ब्रहस्पतिवार को भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं जिला जनसंपर्क कार्यालय के द्वारा अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि कितने मरीजों का नमूना कोरोना की जांच के लिए भेजा गया है और कितने मरीज संक्रमति पाए गए हैं, अथवा उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

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