अचानक कैसे बढ़ने लगे कोविड के मरीज! कब लेंगे सीएमएचओ पत्रकार वार्ता!

महाराष्ट्र बार्डर पर रहा ढुलमुल रवैया परिवहन विभाग का. . .
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले में कोरोना कोविड 19 के मरीजों की तादाद में पिछले तीन दिनों में हल्का सा इजाफा दर्ज किया गया है। तीन दिनों में क्रमशः 42, 56 एवं 65 मरीज सिवनी में मिले हैं। यह दावा सरकारी विज्ञप्ति का है, पर जमीनी हकीकत से ये दावे कोसों दूर बताए जा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पता नहीं किस दबाव में जिले भर में कोरोना कोविड 19 की वस्तु स्थिति से नागरिकों को आवगत नहीं कराया जा रहा है। और तो और एक साल से भी अधिक समय हो चुका है और कोरोना कोविड 19 की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेश्राम के द्वारा एक भी पत्रकार वार्ता का आयोजन नहीं किया गया है ताकि नागरिकों में उपज रहे भ्रम को दूर किया जा सके।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी.मेश्राम के हवाले से जारी होने वाली सरकारी विज्ञप्तियों पर अगर नजर डालें तो 25 मार्च से 05 अप्रैल तक कोरोना कोविड 19 के संक्रमित मरीजों के मिलने की संख्या बहुत ज्यादा नही है। 25 मार्च को 14, 26 मार्च को 19, 27 मार्च को 19, 28 मार्च को 18, 29 मार्च को होली के कारण संभवतः आंकड़े जारी नहीं हुए। इसके बाद 30 मार्च को महज 09, 31 मार्च को 12, 01 अप्रैल को 20, 02 अप्रैल को 25 एवं 03 अप्रैल को महज 09, 04 अप्रैल को 42 एवं 05 अप्रैल को 56 इस तरह पिछले 12 दिनों में महज 243 मरीज ही सिवनी में मिले थे। इसके अलावा निधन की अगर बात करें तो सिवनी में लगभग एक साल में महज 10 लोग ही कोरोना कोविड 19 से काल कलवित हुए हैं। मंगलवार को जारी सरकारी विज्ञप्ति में कोरोना कोविड 19 के 65 मरीज मिलने की बात कही गई है। इस तरह अब तक कुल 308 मरीज 13 दिनों में जिले में मिले हैं।
कहां कितने, मौन है विभाग!
यहां यह बात उल्लेखनीय होगी कि जिले में किस विकासखण्ड में कितने और नगरीय क्षेत्र में कितने मरीज मिले हैं, इस बावत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने मौन ही साधे रखा हुआ है। लोगों का कहना है कि पता नहीं नागरिकों से वास्तविक स्थिति को छिपाकर अधिकारी क्या करना चाह रहे हैं।
अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट में लापरवाही!
लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर वाहनों की आवाजाही पर रोक तो अरसे से लगी हुई है पर यहां जांच चौकी लेन देन के लिए बुरी तरह बदनाम होने के कारण यहां तैनात अफसरान पर भरोसा करना थोड़ा कठिन ही प्रतीत होता है। परिवहन विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मेटेवानी चेक पोस्ट से आवागमन बंद होने के बाद भी सैकड़ों की तादाद में वाहन यहां से पार हो रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि परिवहन विभाग के चेक पोस्ट पर तैनात दलालों की मुट्ठी गर्म करके यहां से दो, चार पहिया वाहन आसानी से पार हो रहे हैं यहां तक कि यात्री बस भी बहुत ही आसानी से यहां से पार हो रहीं हैं। सिवनी के बस स्टैण्ड से ही आठ सौ रूपए सवारी के हिसाब से चार पहिया वाहनों में सवारियों को नागपुर ले जाया जा रहा है।
इस बात का प्रमाण सरकारी विज्ञप्ति से मिलता है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश एवं मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र अनावश्यक रूप से आवागमन करने वाले लगभग 80-90 दोपहिया तथा चारपहिया वाहन को जिले में प्रवेश से तथा जिले से बाहर जाने से रोका गया। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का उल्घ्लंघन करने पर कुल 2400 रूपए की चालानी कार्यवाही की गयी।
महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश की सीमा चौकी खवासा चेकपोस्ट में पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक, श्रीमती सोनल मरावी, तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा, नायब तहसीलदार नितिन पटेल, थाना प्रभारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा सिवनी से नागपुर एवं नागपुर से सिवनी की ओर आने जाने वाले वाहनों की जांच की गयी। जांच के दौरान अनावश्यक रूप से आवागमन करने वाले लगभग 80-90 दोपहिया तथा चार पहिया वाहन को वापस किया गया। कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर कुल रू 2400/- की चालानी कार्यवाही की गयी।
इस विज्ञप्ति से स्पष्ट हो रहा है कि अगर अधिकारियों की उपस्थिति में अस्सी से 90 वाहन गुजर रहे थे तो चौबीसों घंटे न जाने कितने वाहन गुजर रहे होंगे! कुल मिलाकर ढीली प्रशासनिक पकड़ के कारण जिले में हालात धीरे धीरे बिगड़ते ही जा रहे हैं।
कहीं लॉकडाऊन की पटकथा तो नहीं!
वहीं, लोगों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार पिछले दिनों जब महज 146 मरीज ही मिले थे और महज 10 मौतों के बाद भी लॉक डाऊन की सिफारिश की गई थी कि अगर मरीज बढ़े तो लॉक डाऊन लगाया जाएगा। तीन दिनों से गुणोत्तर क्रम में मरीजों की बढ़ती तादाद को लोग लॉक डाऊन की कवायद भी मान रहे हैं।