20 जुलाई से शुरू होंगे चातुर्मास

बंद होंगे मांगलिक कार्य, भक्तिमय होगी संस्कारधानी, संतों का मिलेगा सान्निध्य
मान्यता अनुसार देवशयनी से देवोत्थानी एकादशी तक निद्रा में रहते हैं भगवान विष्णु
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। इस वर्ष चातुर्मास 20 जुलाई से शुरू होगा। इस दिन देवशयनी एकादशी भी है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु विश्राम अवस्था में आ जाते हैं। इसलिए इस दिन से हर साल चार महीनों के लिए चातुर्मास लगता है। यह 14 नवम्बर 2021 को समाप्त होगा, जिस दिन देवोत्थान एकादशी है। इस दिन से विष्णु भगवान विश्राम काल पूर्ण करके क्षीर सागर से बाहर आकर सृष्टि का संचालन करने लगते हैं।

भगवान विष्णु विश्राम अवस्था में होते हैं, तब भगवान रुद्र सृष्टि का संचालन करते हैं। देवशयनी एकादशी से चार माह के लिए सभी शुभकार्य बंद हो जाते हैं। हिन्दू व जैन संत भी इस दौरान एक स्थान पर ही निवासरत रहकर साधना, पूजन करते हैं। पंडित जनार्दन शुक्ला ने बताया कि भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है। भगवान विष्णु के योग निद्रा में चले जाने से मांगलिक कार्य जैसे शादी, जनेऊ, मुंडन करना चतुर्मास के दौरान शुभ नहीं माना जाता। व्यवहारिक दृष्टि से देखें तो चतुर्मास वर्षा ऋतु का महीना होता है, जिसमें मांगलिक कार्य कर पाना भी कठिन होता है। इसलिए भी इस दौरान ऐसे आयोजन नहीं होते। उन्होंने बताया कि इस बार 20 जुलाई को देवशयनी व 14 नवम्बर को देवोत्थानी एकादशी होगी।

रहटी में हैं आचार्यश्री
जैन समाज के पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी का इस समय सागर जिले के रेहटी में प्रवास हैं। वहां से उनके दमोह या जबलपुर आगमन आशा की जा रही हैं। आचार्यश्री के रेहटी से प्रस्थान करने पर ही यह निश्चित होगा कि वे किस ओर जा रहे हैं। जैन समाज के सचिन जैन सहारा ने बताया कि फिलहाल किसी मुनि के चातुर्मास की कोई सूचना नहीं है। लेकिन, हर साल चातुर्मास में जैन मुनियों का शहर को सान्निध्य प्राप्त होता रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चातुर्मास में शहर में निश्चित रूप से जैन संतों का प्रवास होगा।