सवा साल बाद भी नहीं हो पाया जिला पंचायतों का आरक्षण

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में जिला पंचायतों के लिए आरक्षण सवा साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। मार्च 2020 को जिला पंचायतों का कार्यकाल पूरा हुआ था। इसके पहले आरक्षण प्रक्रिया हो जानी थी लेकिन परिसीमन नहीं होने की वजह से मामला अटक गया था। अब परिसीमन भी हो चुका है पर आरक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

बताया जा रहा है कि जनपद पंचायतों का आरक्षण करने के बाद अब जिला पंचायतों का आरक्षण किया जाएगा। इसके लिए पंचायतराज संचालनालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, जिस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। उधर, नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायराज संस्थाओं के चुनाव लंबित हैं। इन्हें कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची से लेकर मतदान केंद्रों तक की तैयारी कर चुका है पर चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। पहले पंचायतों के परिसीमन की वजह से चुनाव आगे बढ़ते रहे और फिर आरक्षण का विषय उलझा हुआ है। पंचायतराज संचालनालय ने जनपद पंचायतों का आरक्षण तो करा लिया पर जिला पंचायतों का मामला अटका हुआ है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसको लेकर निर्णय शासन को करना है। आरक्षण कार्यक्रम जारी करने का प्रस्ताव काफी पहले दे दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि पहले नगरीय निकाय चुनाव होंगे, इसके बाद पंचायत चुनाव होंगे।

निकाय चुनाव के आरक्षण का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जब निर्णय हो जाएगा, तब गतिविधि आगे बढ़ेगी। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गविजय सिंह ने कहा कि अभी यथास्थिति बनी हुई है। जिला पंचायतों के आरक्षण को लेकर शासन को पत्र भी लिखा है। चाहे निकाय चुनाव हों या पंचायत चुनाव, जब आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, तब ही आगे बढ़ा जा सकेगा।