मोदी कैबिनेट में किसे मिलेगी थावर चंद गहलोत की जगह? विजयवर्गीय, राकेश सिंह, गणेश सिंह या फिर कोई सरप्राइज देंगे पीएम?

(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। नरेंद्र मोदी कैबिनेट के संभावित विस्तार से पहले ही केंद्रीय समाज कल्याण एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई है। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। मंत्रिमंडल से गहलोत की विदाई चौंकाने वाली है, क्योंकि एक तो वे पीएम मोदी के करीबियों में गिने जाते हैं और दूसरा मंत्री के रूप में उनका परफॉर्मेंस भी अच्छा रहा है। कारण चाहे जो भी हो, लेकिन उनके राज्यपाल बनाए जाने से केंद्रीय कैबिनेट में एमपी के कोटे की एक जगह खाली हो गई है। इसको लेकर दावेदारों के नामों की चर्चा भी शुरू हो गई है।

गहलोत की खाली जगह भरने के लिए तीन नाम अब तक सामने आए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, जबलपुर के सांसद राकेश सिंह और सतना के सांसद गणेश सिंह को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इनमें से किसी एक को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

इन तीनों में फिलहाल कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। इसकी दो प्रमुख वजहें हैं। पहला तो विजयवर्गीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं। दूसरा, विजयवर्गीय भी गहलोत की तरह मालवा-निमाड़ क्षेत्र से आते हैं। गहलोत की विदाई के बाद केंद्रीय कैबिनेट में मालवा-निमाड़ का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। इस असंतुलन को खत्म करने के लिए विजयवर्गीय के नाम को हरी झंडी मिल सकती है। चर्चा यह भी है कि बीजेपी नेतृत्व इंदौर से सटे खंडवा लोकसभा क्षेत्र से विजयवर्गीय को चुनाव लड़ाना चाहता है। पार्टी के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान की मौत से यह सीट खाली हुई है।

दावेदारों में दूसरा प्रमुख नाम सतना के सांसद गणेश सिंह का है। गणेश सिंह विंध्य क्षेत्र से आते हैं और पिछड़ा वर्ग से हैं। केंद्रीय कैबिनेट में विंध्य क्षेत्र को फिलहाल कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में भी विंध्य क्षेत्र की अनदेखी को लेकर पार्टी नेता सवाल उठाते रहे हैं। इस असंतोष को दबाने के लिए पीएम मोदी गणेस सिंह को मंत्री बनाने का दांव चल सकते हैं।

जबलपुर के सांसद राकेश सिंह भी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने की दौड़ में हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके राकेश सिंह 2004 से लगातार सांसद हैं और लोकसभा में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल राकेश सिंह की छवि अविवादित रही है।

इन तीनों के अलावा राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम मंत्री बनने की सूची में सबसे ऊपर है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने के बाद ही प्रदेश की सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई थी। उन्हें इसका इनाम मिलना तय माना जा रहा है। रस्साकसी थावरचंद गहलोत की खाली हुई जगह को लेकर चल रही है। देखना यह है कि पीएम मोदी चर्चा में चल रहे इन तीन नामों में से किसी को चुनते हैं या फिर किसी डार्कहॉर्स को मंत्री बना कर सरप्राइज देते हैं।