आखिर क्यों जरूरत आन पड़ी नया रेल्वे स्टेशन भवन बनाने की!

सिवनी शहर उत्तर की ओर तो रेल्वे स्टेशन का प्रवेश द्वार दक्षिण की ओर! अब सिवनी शहर की ओर होगा नए स्टेशन भवन का प्रवेश द्वार, वर्तमान स्टेशन जाने के लिए यात्रियों को पार करना होता रेल्वे पटरी! जनप्रतिनिधियों के बजाए सीएओ सुनकर ने ली सिवनी के निवासियों की सुध! व्यवहारिक रूप से उचित नहीं है निर्माणाधीन रेल्वे स्टेशन भवन!
(लिमटी खरे)

सिवनी (साई)। केंद्र हो या प्रदेश, हर जगह लगभग दो दशकों से सिवनी का नेतृत्व बहुत ही कमजोर नजर आ रहा है। आलम यह है कि अधिकारी अगर ध्यान न दें तो सिवनी में कुछ भी नया न हो पाए। सिवनी की झोली में जो भी सौगातें आ रहीं हैं वे नीतिगत मामलों के कारण ही आ रहीं हैं, सिवनी के जनप्रतिनिधियों का इसमें योगदान शायद नहीं के बराबर ही हो।


सिवनी में एक के बजाए अब दो रेल्वे स्टेशन बनेंगे। दो रेल्वे स्टेशन से तातपर्य यह नहीं है कि दो अलग अलग जगहों पर रेलगाड़ी रूकेगी। दरअसल वर्तमान में रेल्वे स्टेशन की जो बिल्डिंग निर्माणाधनी है उसी के सामने उत्तर दिशा में (मठ मंदिर मैदान के पीछे की ओर) एक बड़ा रेल्वे स्टेशन बनाया जाएगा और इस रेल्वे स्टेशन को कटंगी रोड तथा नागपुर रोड से जोड़ने की योजना है।

शहर के नागरिकों को पार करना होता रेल की पटरी!

दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे मुख्यालय बिलासपुर के महाप्रबंधक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हाल ही में मुख्यालय में पदस्थ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आर.एन. सुनकर सिवनी के आसपास रेल्वे के अमान परिवर्तन के काम को देखने पहुंचे थे। उनके द्वारा जब सिवनी के रेल्वे स्टेशन का निरीक्षण किया गया।


सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेल्वे स्टेशन पहुंच मार्ग को देखकर उन्होंने छूटते ही तकनीकि प्रभाग के अधिकारियों से यह कह दिया कि यह डिजाईन किसने बनाई है! किसने इस स्थान का चयन किया है! क्या सिवनी के सांसदों, विधायकों से इस बारे में चर्चा की है!

व्यवहारिक रूप से अनुचित!

सूत्रों ने आगे कहा कि महाप्रबंधक कार्यालय में पदस्थ सीएओ आर.एन. सुनकर के मतानुसार वर्तमान में जो रेल्वे स्टेशन व्यवहारिक रूप से उचित नहीं माना जा सकता है। इसका कारण यह है कि सिवनी शहर के नागरिकों को अगर रेल्वे स्टेशन जाना हो या रेल में बैठना हो तो उन्हें रेल की पातों को या तो कटंगी नाके या नागपुर नाके की ओर से पार करना पड़ेगा। सूत्रों ने कहा कि श्री सुनकर का मत है कि रेल्वे स्टेशन शहर से आसानी से एप्रोचेबल होना चाहिए था।
सूत्रों ने कहा कि यह बात सही है कि अगर वर्तमान निर्माणाधीन रेल्वे स्टेशन को मुख्य भवन बना दिया गया तो यह व्यवहारिक तौर पर उचित नहीं होगा। इसका कारण यह है कि रेल्वे स्टेशन सिवनी शहर के दक्षिण पूर्वी हिस्से में बनाया जा रहा है। अगर रेल्वे स्टेशन पहुंचना हो तो कटंगी नाके के अंडर पास से होकर गुजरना होगा या फिर नागपुर नाके के समपार को पार करना होगा। दोनों ही जगहों से रेल्वे स्टेशन की दूरी लगभग आधा किलोमीटर मानी जा सकती है, लोगों को रेल के सफर के लिए घर से निकलकर आधा किलोमीटर ज्यादा चलने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

नहीं जताई सांसद, विधायकों ने आपत्ति!

सूत्रों ने कहा कि उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि बारंबार निरीक्षण के बाद भी जिले के दोनों सांसदों जिसमें केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, बालाघाट के सांसद (जिनके संसदीय क्षेत्र में यह रेल्वे स्टेशन आ रहा है) डॉ. ढाल सिंह बिसेन, चारों विधायक भाजपा के सिवनी के विधायक दिनेश राय, केवलारी के विधायक राकेश पाल सिंह, कांग्रेस के लखनादौन के विधायक योगेंद्र सिंह और बरघाट के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया के द्वारा भी इस बात पर आपत्ति नहीं जताई गई कि रेल्वे स्टेशन पहुंचने के लिए कम से कम शहर के निवासियों को पटरी (समपार) को पार न करना पड़े तो बेहतर होगा, इससे रेल्वे स्टेशन की दूरी सिवनी शहर के निवासियों के लिए बढ़ेगी ही।

खड़े खड़े दिए निर्देश

महाप्रबंधक कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि सीएओ आर.एन. सुनकर के द्वारा खड़े खड़े मौके पर ही स्थल निरीक्षण करते हुए मठ मंदिर के पीछे वाले मैदान (जहां फटाका बाजार भरता है) से लगी रेल्वे की जमीन पर रेल्वे स्टेशन का सर्व सुविधायुक्त भवन बनाने के निर्देश तकनीकि अधिकारियों को देते हुए कहा कि इसका प्रस्ताव, डीपीआर आदि तत्काल बनाकर उनके पास भेजा जाए, वे इसे तत्काल स्वीकृति दे देंगे और रेल्वे मंत्रालय से जरूरी इमदाद भी इसके लिए मुहैया करवाने का आश्वासन भी उनके द्वारा दिया गया।