कौन छीन रहा है सिवनी वासियों के मुंह से निवाला!

सिवनी में रेल्वे अब नहीं बनाएगी एक भी ओवरब्रिज या अंडर पास!, सुविधाओं में होती जा रही है कटौति, पहले था स्वीकृत अब अफसरों ने कर दिया इसे विलोपित!, सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन को उठाना होगा सख्त कदम
(लिमटी खरे)

सिवनी (साई)। इक्कीसवीं सदी में भी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में उपलब्धियों की गागर रीति ही दिख रही है। हालात देखकर यही प्रतीत होता है कि सिवनी को किसी की नजर लग गई है। सिवनी की झोली में नीतिगत आधार पर जो भी आता है उस निवाले को भी कोई छीनता ही दिख रहा है।


सिवनी जिले से होकर गुजरने वाले उत्तर दक्षिण फोरलेन गलियारे का काम कितनी मुश्किल से पूरा हो पाया है यह बात किसी से छिपी नहीं है। इसके अलावा छपारा से गणेशगंज के हिस्से में ठेकेदार के द्वारा जिस तरह से थूक लपेटा काम किया गया है उसे देखकर तो यही प्रतीत होता है कि जिले के दोनों सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते एवं चारों विधायकों दिनेश राय, राकेश पाल सिंह, योगेंद्र सिंह एवं अर्जुन सिंह काकोड़िया को जिले की जनता से कोई लेना देना ही नहीं रह गया है। वह इसलिए क्योंकि फोरलेन चारों विधायकों के विधान सभा क्षेत्र और दोनों सांसदों के लोकसभा क्षेत्र से होकर गुजर रही है। इसके बाद भी फोरलेन में निविदा की शर्तों का पालन हो रहा है अथवा नहीं यह देखने सुनने की फुर्सत किसी को भी नहीं रह गई है।

छिन रहा है मुंह से निवाला!

बहरहाल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे मुख्यालय बिलासपुर के महाप्रबंधक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी में नेरो गेज से ब्राडगेज के अमान परिवर्तन के काम में पहले रेल्वे ओवर ब्रिज (आरओबी) एवं अडर पास (जहां ऊपर से रेलगाड़ी जाती है और नीचे के सड़क मार्ग से वाहन गुजरते हैं) स्वीकृत थे, बाद में इन्हें विलोपित कर दिया गया है। इस तरह सिवनी के लिए स्वीकृत किए गए कामों को विलोपित कर यहां के नागरिकों के मुंह से निवाला छीनने का कुत्सित प्रयास जारी है, और जिले के जनप्रतिनिधि इन विध्न संतोषियों के सामने बौने (कारण चाहे जो भी हो) ही साबित होते दिख रहे हैं।


सूत्रों की मानें तो सिवनी में एक आरओबी (इसके बारे में जिक्र आने वाले एपीसोड में करेंगे) के अलावा छिंदवाड़ा नाका, नागपुर नाका, बरघाट नाका सहित बिटली मार्ग पर एक एक अंडरपास स्वीकृत किया गया था। पिछले साल सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के निवास पर संपन्न हुई रेल्वे अधिकारियों की एक बैठक में नैनपुर में पदस्थ डिप्टी एसई मनीष लावणकर ने भी इस बात की पुष्टि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान की थी कि कटंगी नाके पर बने अंडर पास की तरह ही बरघाट नाका, नागपुर नाका और छिंदवाड़ा नाके पर अंडरपास बनाए जाएंगे ताकि आवागमन सुचारू रूप से चल सके।

अब नहीं बनेंगे अंडरपास!

दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे मुख्यालय बिलासपुर के महाप्रबंधक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी में कटंगी नाका की तरह छिंदवाड़ा नाका, बरघाट नाका और नागपुर नाके पर बनने वाले अंडरपास को विलोपित कर दिया गया है। इस बात की पुष्टि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से दूरभाष पर चर्चा के दौरान नैनपुर में पदस्थ डिप्टी एसई मनीष लावणकर ने की है।

तीनों जगह रहेगा समपार

सूत्रों ने यह भी बताया कि अब सिवनी शहर में कटंगी नाका में अंडरपास रहेगा। इसके अलावा छिंदवाड़ा नाका, बरघाट नाका, नागपुर नाका क्षेत्र में रेल्वे फाटक (समपार) रहेगा। जो रेल के आने जाने के समय बंद कर दिया जाएगा। जिस तरह पूर्व में यहां जाम की स्थिति निर्मित होती थी, उसी तरह अब भी जाम की स्थिति निर्मित होने वाली है।

सांसद डॉ. बिसेन को उठाने होंगे ठोस व कठोर कदम

नई दिल्ली स्थित रेल भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि बहुत मुश्किलों के बाद सिवनी जिला रेल्वे की प्राथमिकता में आया था। सूत्रों ने स्पष्ट कहा कि छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर अमान परिवर्तन की मांग के बजाए नई रेल लाईन की मांग करने से सिवनी जिले में अमान परिवर्तन का काम बहुत पिछड़ा है। अगर सिवनी के जनप्रतिनिधि अमान परिवर्तन के काम को ही तवज्जो देते तो लगभग दस साल पहले ही सिवनी में अमान परिवर्तन का काम पूरा हो सकता था।


सूत्रों का कहना था कि बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन को अब ठोस व कठोर कदम उठाना आवश्यक हो गया है। अगर उन्होंने अभी अंडर पास या रेल्वे ओव्हर ब्रिज के लिए संजीदगी से प्रयास नहीं किए तो आने वाले कम से कम दो से तीन दशकों तक सिवनी के निवासियों और यहां से होकर गुजरने वाले लोगोें को जाम की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है, क्योंकि चाहे वह मालगाड़ी हो या सवारी गाड़ी हर बार कम से कम पंद्रह से बीस मिनिट के लिए रेल्वे फाटक बंद किए जाएंगे।