टीकाकरण अधिकारी मुख्यालय में, पर तीन दिन लखनादौन में रहेंगे सीएमएचओ!

सवा दो माह बाद भी निलंबित लिपिक से प्रभार लेने में सीएमएचओ को आता दिख रहा पसीना!
(संजीव प्रताप सिंह)


सिवनी (साई)। जिले में स्वास्थ्य विभाग किस तरह से चल रहा है इसकी एक बानगी यह देखकर लगाई जा सकती है कि एक तरफ तो प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव को तीन दिन के लिए लखनदौन में कैंप करने के आदेश दिए गए हैं, वहीं दूसरी ओर लगभग सवा दो माह बाद भी एक निलंबित लिपिक से प्रभार दिलवाने में प्रभारी सीएमएचओ को पसीना आता दिख रहा है।
सीएमएचओ कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिले में कोविड के वेक्सीनेशन की मंथर गति और कागजों पर ही सारी लीपापोती के चलते जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरीदास फटिंग स्वास्थ्य विभाग के मुखिया से बहुत नाराज बताए जा रहे हैं।
सूत्रों ने आगे बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा सीएमएचओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे ब्रहस्पतिवार 18 दिसंबर, शुक्रवार 19 दिसंबर और शनिवार 20 दिसंबर को जिले की आदिवासी बाहुल्य लखनादौन तहसील मुख्यालय में कैंप करके वहां टीकाकरण की स्थिति पर नजर रखें।
सूत्रों ने बताया कि सिवनी जिले के इतिहास में संभवतः यह पहला मौका होगा जब स्वास्थ्य विभाग के मुखिया को जिला मुख्यालय छोड़कर एक तहसील मुख्यालय में बैठकर तीन दिन तक टीकाकरण पर नजर रखने को कहा गया होगा। सीएमएचओ से इस संबंध में संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उन्होंने मोबाईल नहीं उठाया।
जिले का मुखिया रहेगा तहसील मुख्यालय में!
मजे की बात तो यह है कि प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव तीन दिन तक लखनादौन में टीकाकरण का काम देखेंगे, वहीं दूसरी ओर द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. लोकेश चौहान को जिला मुख्यालय में ही रखा गया है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि जब प्रभारी सीएमएचओ डॉ. राकेश श्रीवास्तव लखनादौन में तीन दिन कैंप कर ही रहे हैं तो कम से कम वे इस बात की तसदीक भी लखनादौन के विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से कर लें कि लखनादौन में पदस्थ दो बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्याकर्ताओं को वहां से तबादले के बाद कार्यमुक्त किए जाने के बाद भी उनका वेतन लखनदौन बीएमओ कार्यालय से कैसे निकल रहा है!
निलंबित लिपिक ने नहीं दिया प्रभार
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि 13 सितंबर को प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के उपरांत निलंबित हुए लिपिक से एक के बाद दूसरे लिपिक को प्रभार नहीं दिला पाने में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर भी सवालिया निशान लगते दिख रहे हैं।
सीएमएचओ कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नर्सिंग प्रभाग देख रहे लिपिक अजय कटरे को प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव के द्वारा 13 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि अजय कटरे का प्रभार सहायक ग्रेड 03 के रूप में पदस्थ विक्रम सिंह ठाकुर को दिए जाने के आदेश दिए जाने के लगभग एक सप्ताह तक जब अजय कटरे के द्वारा प्रभार नहीं सौंपा गया तो विक्रम सिंह ठाकुर ने प्रभार लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद भी प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव के द्वारा उनसे यह नहीं पूछा गया कि उन्होंने प्रभार क्यों नहीं सौंपा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि प्रभारी सीएमएचओ डॉ. राजेश श्रीवास्वत की किचिन कैबनेट में शामिल लोगों के द्वारा अजय कटरे को एससीएन जारी नहीं किए जाने का मशविरा देते हुए उसका प्रभार विक्रम सिंह ठाकुर के स्थान पर हिमांशु चौकसे को सौंपने के आदेश जारी करने की बात सीएमएचओ से कही। सीएमएचओ ने उनकी बात मानकर 22 सितंबर को नया आदेश जारी कर प्रभार हिमांशु चौकसे को सौंपने की बात कह दी गई।
सूत्रों ने आगे बताया कि इसके बाद विन्ध्य प्रदेश के किसी पण्डित जी की शरण में अजय कटरे के जाने के बाद प्रभारी सीएमएचओ की किचिन कैबनेट में शामिल एक आलंबरदार के साथ छः अंकों की राशि का सौदा तय होने के बाद अजय कटरे को अभय दान दे दिया गया कि वह जब तक चाहे तब तक अपना प्रभार किश्तों में सौंपते रहे।
सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही निलंबित लिपिक अजय कटरे को यह आश्वासन भी मिला है कि उन्हें दो माह में निलंबन से बहाल कराया जाकर वापस उसी सीट पर बिठा दिया जाएगा। अगर वे प्रभार किसी अन्य को देते हैं तो उसके बाद प्रभार वापस लेने में परेशानी हो सकती है। संभवतः यही कारण है कि अजय कटरे कच्छप गति से ही अपना प्रभार सौंप रहे हैं। 13 सितंबर को निलंबित हुए लिपिक से 18 नवंबर तक प्रभार नहीं दिलवाने के बाद भी प्रभारी सीएमएचओ के द्वारा उनके खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा है। यहां तक कि लगभग एक पखवाड़े पहले प्रभारी सीएमएचओ डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह कह दिया था कि निलंबित लिपिक अजय कटरे से प्रभार लिया जा चुका है।