सरकार चाहे जब घोषित करे, लेकिन भारत को सनातन वैदिक हिन्दू राष्ट्र का परमादेश दिया जा चुका है. . .

शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने बताया श्रृद्धालुओं को
(एल.एन. सिंह)
प्रयागराज (साई)। प्रयागराज में चल रहे माघ मेला के गंगोली शिवाला मार्ग स्थिति चौसट्टी मठ में आयोजित सन्त सम्मेलन में पधारे यतियों का पूजन किया गया।
यति पूजन के पश्चात् सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि यदि भारत को बचाना है, तो सनातन धर्म का संरक्षण और सम्बर्धन करना ही पड़ेगा। एक राष्ट्र के रूप में भारत का अस्तित्व ही सनातन धर्म पर टिका है।
1947 में जब देश का विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ था, तो भारत को उसी समय सनातन वैदिक हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था। शंकराचार्य महाराज ने कहा कि सरकार चाहे जब घोषित करे, लेकिन भारत को सनातन वैदिक हिन्दू राष्ट्र का परमादेश दिया जा चुका है, अतरू आप सभी अभी से देश को सनातन वैदिक हिन्दू राष्ट्र लिखना और बोलना प्रारम्भ करें।
इस अवसर पर अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज, अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबन्धन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम महाराज, चौसट्टी मठ के महन्त स्वामी प्रकाश आश्रम महाराज, स्वामी अखण्डानन्द तीर्थ, स्वामी इन्द्र देव आश्रम पुष्कर मठ काशी के महन्त स्वामी श्रवणदेव आश्रम सहित 70 मठों के महन्त उपस्थित थे।