वाहन का क्लेम सेटिल करने आए नेशनल इंश्योरेंस के सर्वेयर ने भी जरूरी बातों को किया नजर अंदाज!

0 जनरल इंश्योरेंस में चल रहा फर्जीवाड़ा . . . 05
वाहन का शीशा कैसे टूटा यह पूछने तक की जहमत नहीं उठाई सर्वेयर के द्वारा वाहन मालिक से!
(ब्यूरो कार्यालय)

 

नई दिल्ली (साई)। वाहनों के बीमे और उनके क्लेम में फर्जीवाड़ा किस तरह किया जा रहा है यह बात नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा किए गए एक बीमा पालिसी और उसके क्लेम से स्पष्ट हो रहा है। वाहन का बीमा कराने के बाद क्लेम बनाने और उसके निराकरण में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी की मिली भगत की बू आती दिख रही है।
वाहनों का बीमा कराने वाली नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि मध्य प्रदेश में इस तरह के मामले बहुतायत में आने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसी तरह का एक मामला पिछले साल प्रकाश में आया था।
सूत्रों ने बताया कि कोलकता स्थित मुख्यालय की जानकारी में यह बात आई कि मध्य प्रदेश में एक वाहन का इंश्योरेंस पहले न्यू इंडिया इंश्योरेंस से सालों से कराया जाता रहा था। वाहन का शीशा टूट गया और वाहन मालिक को पता चाला कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के कारिंदों के द्वारा इस तरह के वाहनों का इंश्योरेंस किया जाकर फर्जी क्लेम सेटिल किए जाते हैं।
सूत्रों की मानें तो टूटे शीशे वाले चार पहिया वाहन का इंश्योरेंस वाहन मालिक के द्वारा बाकायदा बताकर किया गया। नेशनल इंश्योरेंस के एजेंट के द्वारा इंश्योरेंस किए जाने के बाद एक दो माह रूककर उनके वाहन का शीशा बदलवाने का प्रलोभन दिए जाने पर वाहन मालिक के द्वारा अपने परिवार के लगभग आधा दर्जन वाहनों का इंश्योरेंस कंपनी बदलवाकर नेशनल इंश्योरेंस से करवा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता के द्वारा यह बताया गया कि उनके वाहन का फर्जी क्लेम सेटिल करने के लिए एजेंट के द्वारा उनसे कुछ दस्तावेज चाहे गए, फिर क्लेम केस बनाकर बाकायदा सर्वेयर को भी बुलवा लिया। जिस जिले में उनके वाहन का क्लेम सेटिल होना था, उस स्थान से नेशनल इंश्योरेंस का शाखा कार्यालय लगभग 60 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर था।
सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता के द्वारा इस तरह के फर्जीवाड़े की जानकारी शाखा कार्यालय, रीजनल आफिस एवं जोनल आफिस सहित मुख्यालय को भी दी गई। इसके बाद भी अब तक किसी तरह की कार्यवाही नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा नहीं की गई है।
सूत्रों की मानें तो वाहन का क्लेम भी सर्वेयर के द्वारा जब वाहन मैकेनिक के गैराज में कांच बदलवाने के लिए गया था, तब वहां उसका गुपचुप तरीके से निरीक्षण कर, यहां तक कि वाहन स्वामी से यह पूछे बिना कि उसके वाहन का कांच कैसे फूटा कर दिया गया। मजे की बात तो यह है कि वाहन के स्वामी से सर्वेयर ने यह पूछने की जहमत भी नहीं उठाई कि उसके वाहन का शीशा कैसे फूटा था और क्या बीमा कराए जाने के पहले वाहन का शीशा साबुत था!

(क्रमशः जारी)