पहले बता दिया पेट में बच्चे को मृत, फिर . . .

 

 

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला कलेक्टर भले ही जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर लाने के लिये जतन कर रहे हों, पर जिले के मैदानी अधिकारियों के द्वारा उनकी इस मुहिम पर पानी ही फेरा जा रहा है। कान्हीवाड़ा में प्रसव को लेकर चिकित्सा कर्मियों में जमकर विवाद हुआ। जिले भर में सरकारी स्तर पर प्रसव कराने का मामला लाभ का धंधा बनता दिख रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को मेहरा पिपरिया निवासी प्रसूता रामदुलारी पति राजू उईके को कान्हीवाड़ा अस्पताल मे दाखिल कराया गया था। राजू उईके के द्वारा बताया गया कि कान्हीवाड़ा में पदस्थ एएनएम वहीदा रिजवी के द्वारा जाँच के उपरांत बताया गया कि प्रसूता के पेट में बच्चे ने दम तोड़ दिया है।

राजू उईके ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया कि इसके बाद जब उनकी पत्नि को प्रसव वेदना हुई तो अस्पताल में ड्यूटी पर कार्यरत एक स्टॉफ नर्स और एक सफाई कर्मी के द्वारा उनका प्रसव करवाया गया, जिसके बाद महिला ने जीवित बच्चे को जन्म दिया। इस पूरे घटनाक्रम के उपरांत दूसरे दिन इस मामले में दो महिला चिकित्सा कर्मियों के बीच अस्पताल में जमकर विवाद हुआ।

जिला पंचायत सदस्य अनिल चौरसिया ने इस संबंध में बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कान्हीवाड़ा अस्पताल की चिकित्सा अधिकारी डॉ.स्वाति उईके से इस मामले में चर्चा की गयी है। डॉ.स्वाति उईके के अनुसार दोनों के बीच विवाद हुआ है और वे जाँच कर रहीं हैं।

उक्त संबंध में कान्हीवाड़ा में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ.स्वाति उईके ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि इस मामले में उन्हें विवाद की जानकारी मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे के, गर्भ में मर जाने की बात एएनएम वहीदा रिजवी के द्वारा प्रसूता से नहीं कही गयी थी।

उन्होंने बताया कि जिस स्टॉफ नर्स के द्वारा प्रसव करवाया गया है उसी स्टॉफ नर्स के द्वारा प्रसूता को जिला अस्पताल रिफर किया गया था। बाद में इसी स्टॉफ नर्स के द्वारा अस्पताल में ही प्रसव करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विवाद के उपरांत उभय पक्षों को आपस में बैठकर बात करने की समझाईश दी गयी थी।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.वंदना कमलेश को भी सारी जानकारी दे दी गयी थी। उन्होंने यह कहा कि 20 मई को जिला कलेक्टर के साथ गोपालगंज ब्लॉक की बैठक में इस बात को रखा जायेगा।

डॉ.स्वाति तिवारी के द्वारा यह भी कहा गया कि नवोदय विद्यालय में एनसीसी का कैंप चल रहा है जिसमें लगभग अस्सी बच्चे बीमार हैं। इनमें से दो की स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि उनके साथ सोशल मीडिया पर एक हेल्थ ग्रुप में कलेक्टर सिवनी भी हैं। उन्होंने कलेक्टर सिवनी को भी इस बात से अवगत कराया है कि वे अकेली चिकित्सा अधिकारी हैं। इसके बाद भी उनके द्वारा पोस्ट मार्टम, अस्पताल, नवोदय के कैंप आदि का काम किया जा रहा है। उनके द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा गया था कि कैंप के दौरान अतिरिक्ति चिकित्सक की व्यवस्था की जाये, किन्तु अतिरिक्त चिकित्सक की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन पर काम का बेहद ज्यादा बोझ है।