डीआईजी स्तर के अधिकारी के हाथ में होगी कमान
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आतंकवाद संबंधित मामलों की जांच के लिए गठित एजेंसी एनआईए अपना एक ब्रांच ऑफिस खोलने जा रही है। इस कार्यालय के प्रमुख उप पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी होंगे।
आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए स्थापित एनआईए अब भोपाल में कार्यालय खोलने जा रही है। एनआईए का गठन 14 साल पहले हुआ था। भोपाल में टीम को लीड डीआईजी स्तर के अधिकारी कर सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही इसके लिए एक पुलिस अधीक्षक सहित आवश्यक पदों को मंजूरी दे चुका है। सूत्रों ने बताया कि कार्यालय शुरू करने के लिए उपयुक्त जगह की तलाश की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में कई आतंकी मामलों का पता चला है।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में रतलाम आतंकी मॉड्यूल की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा है। एनआईए की टीम वहां सूफा आतंकियो के बारे में जांच करने भी गई थी। इसमें राज्य की पुलिस ने अंतरराज्यीय प्रभाव के आधार पर चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इस मॉड्यूल को एक आतंकवादी ने इंटरनेट के जरिए प्रसार किया था, जो उस समय पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास कहीं से सक्रिय था। जेएमबी मॉड्यूल का मामला भी एनआईए को ट्रांसफर किया गया है। इस मॉड्यूल का खुलासा एमपीएटीएस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भोपाल से किया था।
कहा जा रहा है कि भोपाल में ऑफिस खुलने के बाद एनआईए ऐसे मामलों की जांच जल्दी से अपने हाथ में ले सकती है। इसमें स्थानीय अपराध शाखा और एटीएस भी मदद करेगी। अधिकारियों ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो एनआईए अगले कुछ महीनों में यहां से काम करना शुरू कर सकती है। राज्य पुलिस के अधिकारियों को एनआईए की टीम में शामिल किया जाएगा।
वहीं, एनआईए की स्थापना में एमपी के अधिकारियों की भूमिका भी अहम रही है। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंह, जिनका 2020 में डेंगू से लड़ते हुए निधन हो गया था। एनआईए की स्थापना में संजीव सिंह की भूमिका अहम रही है। वह एनआईए के पहले आईजी थे। सिंह उस दिन से टीम में शामिल हुए थे, जब जनवरी 2009 में एनआईए ने काम करना शुरू किया था। उनका पहला काम 26/11 के मुंबई हमले की जांच था। उन दिनों एनआईए का ऑफिस दिल्ली के एक मॉल से चल रहा था।
दरअसल, एनआईए को दिसंबर 2008 में राष्ट्रीय अखंडता को प्रभावित करने वाले अपराधों की जांच और मुकदमाा चलाने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसका उदेश्य जांच के नवीनतम वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके अनुसूचित अपराधों की गहन पेशेवर जांच के साथ सर्वाेत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों का मिलान करता था। इसके साथ ही दूसरा उदेश्य एक प्रभावी, त्वरित परीक्षण, आधुनिक तरीकों, नवीनतम तकनीकों को सुनिश्चित करना, एक पूरी तरह से पेशेवर के रूप में विकसित करना और सभी आतंकवादियों की सूचनाओं पर डेटा बेस तैयार करना है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.