आदिवासियों की हत्या के मामले में कांग्रेस ने की थी शुरूआत, पर अब कांग्रेस दिख रही बैकफुट पर!
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में माब लिंचिंग के मामला अब भी सुलगता ही प्रतीत हो रहा है। एक के बाद एक राजनेताओं के द्वारा मृतकों के गांव सिमरिया का दौरा लगातार ही किया जा रहा है। लोग अब इसे पालीटिकल टूरिज्म की संज्ञा भी देते नजर आ रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के द्वारा अपने अपने जांच दल बनाए गए थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा की तरफ से गठित 6 सदस्यीय दल में भाजपा राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धुर्वे, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद गजेंद्र पटेल, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कल सिंह भावर, बैतूल सांसद दुर्गादास उईके, अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष नत्थन शाह और भाजपा प्रदेश महामंत्री और विधायक हरिशंकर खटीक शामिल किया गया है। यह दल सिमरिया जाकर मृतकों के परिवार और ग्रामीणों से मिलकर वापस लौट गया है।
वहीं कांग्रेस की ओर से मृत आदिवासियों के परिवारों से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, विधायक विनय सक्सेना और पूर्व विधान सभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कांवरे ने मुलाकात की थी। इसके बाद सिवनी में पत्रकारों से मुखातिब डॉ. गोविंद सिंह को पत्रकारों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था।
इस पूरे मामले में विरोध की शुरूआत बरघाट के कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया के द्वारा की गई थी। वे 03 मई को दिन भर अनशन पर बैठे रहे। इसके बाद जिला कांग्रेस कमेटी भी इस मामले में बैकफुट पर ही दिखाई दे रही है। 09 मई को जब आदिवासी समुदाय के द्वारा बंद का आव्हान किया गया तब भी कांग्रेस संगठन ने इससे दूरी ही बनाई दिखी।
ज्ञातव्य है कि 02 एवं 03 मई की दर्मयानी रात में सिवनी जिले के कुरई थानांतर्गत बादलपार चौकी के सिमरिया ग्राम में गौमांस के शक में दो आदिवासियों को कथित तौर पर पीट पीट कर उनकी हत्या करने के आरोप लग रहे हैं। इस पूरे मामले में अनेक प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही दिख रहे हैं।
इस मामले में कांग्रेस के प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा अपने दौरे और लोगों से बातचीत के बाद क्या निश्कर्ष निकाला यह बात तो समाने नहीं आ सकी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा अभी तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जांच प्रतिवेदन नहीं सौंपा है।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा के एक पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह बताया कि इस पूरे मामले में भाजपा के सिवनी जिला स्तरीय संगठन के द्वारा मामले को उचित तरीके से हेण्डल नहीं किए जाने से कुछ नेता खफा भी नजर आ रहे हैं। भाजपा का जांच दल जब सिमरिया गांव पहुंचा था तब उसे भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
उक्त पदाधिकारी का कहना था कि 03 मई को कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया कुरई थाने के सामने ही एनएच को जाम करके बैठे थे और उसी समय भाजपा के जिलाध्यक्ष आलोक दुबे कुरई थाने के अंदर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग एवं पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के साथ बैठे थे। इसी बीच केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी मौके पर पहुंचने वाले थे। उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना दी गई कि फग्गन सिंह कुलस्ते मौक पर पहुंचते और वे ही इस मामले में मांगों के संबंध में प्रशासन को निर्देश देकर अनशन समाप्त करवाते, किन्तु इसके पहले ही प्रशासन के आला अधिकारियों ने कांग्रेस के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया की बातों को माना जाकर अनशन समाप्त करवा दिया गया, जिससे कहीं न कहीं भाजपा की किरकिरी हुई।
उक्त पदाधिकारी का कहना था कि भाजपा के जांच दल के द्वारा अपना प्रतिवेदन भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को सौंप दिया है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि प्रशासनिक प्रमुखों के द्वारा ‘ऊपर के निर्देश‘ बताकर पल्ला झाड़ा जा रहा था। इस पूरे मामले में जांच दल ने प्रशासन और पुलिस की ही लापरवाही प्रमुख तौर पर मानी है। इसलिए इस मामले के पटाक्षेप के लिए अब जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक का तबादला सिवनी से किया जा सकता है। वैसे पुलिस अधीक्षक की सिवनी में पदस्थापना लगभग तीन साल पहले हुए थी, इस लिहाज से उनका तबादला इस साल होना तय ही माना जा रहा था।

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