RBI ने आज एक और बैंक का लाइेंसस रद्द किया: तत्काल प्रभाव से बंद करने का दिया निर्देश

(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को एक और बैंक पर शिकंजा कसा है और इसे तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया। यह महाराष्ट्र का सहकारी बैंक है। इसका नाम- महाराष्ट्र लक्ष्मी सहकारी बैंक लिमिटेड (Maharashtra’s Laxmi Co-operative Bank) है। RBI ने जानकारी दी कि उसने महाराष्ट्र के लक्ष्मी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। नतीजतन, बैंक अब आज (22 सितंबर) से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देता है।
बैंक रेगुलेटरी ने सहयोग के लिए आयुक्त और सहकारी समितियों, महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने कई सहकारी बैंकों पर सख्त कार्यवाही किया है और आज से ही एक और पुणे स्थित रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड (Rupee Co-operative Bank Limited) को बंद कर दिया गया।
RBI ने क्या कहा?
केंद्रीय बैंक ने कहा कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक बृहस्पतिवार (22 सितंबर, 2022) को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार बंद कर देगा। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में जमाकर्ताओं की पूरी राशि का भुगतान करने में समर्थ नहीं है।
आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। “इस तरह, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।” केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक का कारोबार अगर बंद नहीं होता है तो डिपॉजिटर्स को बहुत नुकसान हो जाएगा। RBI ने कहा, “बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने डिपॉजिटर्स को भुगतान करने में असमर्थ होगा। यदि बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है, तो जनहित पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।” लाइसेंस रद्द होने के बाद, सहकारी बैंक को अब ‘बैंकिंग’ का व्यवसाय करने से रोक दिया गया है जिसमें जमा और निकासी शामिल हैं।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
आपको बता दें कि इस बैंक ग्राहकों को आरबीआई की डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) इंश्योरेंस स्कीम के जरिए 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा। यानी इस नियम के तहत अगर किसी बैंक को खराब वित्तीय स्थिति के कारण बंद करना पड़ता है तो ऐसे में कस्टमर को DICGC के जरिए 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर का फायदा मिलता है और यह पैसे ग्राहकों को मिल जाते हैं। आपको बता दें कि अगर किसी ग्राहक के खाते में करोड़ों रुपये भी क्यों न हो उसे अब 5 लाख रुपये ही इंश्योरेंस के तौर पर दिए जाएंगे।