खड़गे की ताजपोशी में हुए मनोरंजक वाक्यों की हो रही चर्चाएं . . .

चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री की स्थिति दिखाई दी असहज!
(लिमटी खरे)
देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष की ताजपोशी में कुछ मनोरंजक वाक्ये हुए, जिनकी चर्चाएं चटखारे लेकर हो रही हैं। भले ही कांग्रेस के द्वारा नेहरू गांधी परिवार से इतर अध्यक्ष चुन लिया गया हो, पर इस पूरे कार्यक्रम में गांधी परिवार का वर्चस्व देखते ही बन रहा था। श्रीमति सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है कि आने वाले समय में गांधी परिवार का जलजला बढ़ने ही वाला है।
इस पूरे कार्यक्रम में जब अधिकतर नेता और कार्यकर्ता आकर अपनी अपनी सीट ग्रहण कर चुके थे, तब प्रियंका वाड्रा का आगमन हुआ। उसके कुछ क्षणों के बाद सोनिया गांधी कार्यक्रम में पहुंचीं और सबसे अंत में राहुल गांधी की एंट्री हुई। राहुल गांधी ही सभी के आकर्षण का केंद्र बने दिखे। हों भी क्यों न, आखिर वे तामझाम से दूर पदयात्रा जो कर रहे हैं।
कार्यक्रम आरंभ हुआ। मंच पर कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा निर्वतमान अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री मौजूद थे। मधुसूदन मिस्त्री के ठीक बाजू में राहुल गांधी विराजमान थे। इसके उपरांत हुआ स्वागत सत्कार का सिलसिला!
कांग्रेस संगठन के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के द्वारा सभी का सम्मान किया जा रहा था। उन्होंने सबसे पहले निर्वतमान अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को गुलदस्ता भेंट किया, फिर उनके द्वारा नए निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद जब वेणुगोपाल तीसरा गुलदस्ता लेकर पहुंचे तो स्वाभाविक तौर पर चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री खडत्रे हो गए, पर यह क्या वेणुगोपाल के द्वारा उस गुलदस्ते को मधुसूदन मिस्त्री के बजाए राहुल गांधी को भेंट कर दिया गया!
राहुल गांधी अब परिपक्व दिखने लगे हैं, उन्होंने तत्काल ही स्थिति को भांपते हुए वेणुगोपाल के हाथ से गुलदस्ता कुछ इस तरह लिया मानो वे उस गुलदस्ते को किसी को देना चाह रहे हों, और उनके द्वारा उस गुलदस्ते को मल्लिकार्जुन खड़गे को भेंट कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी में जमकर चर्चाएं चलती रहीं, और राहुल गांधी के द्वारा स्थिति संभाले जाने पर उनकी प्रशंसा भी होती रही।
इस पूरे समारोह से एक संदेश तो निकलकर बाहर आता दिखा कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे विराजमान हो गए हों, पर कांग्रेस में सत्ता की धुरी कहीं न कहीं नेहरू गांधी परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती अगर दिखाई दे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

राहुल की यात्रा में मीडिया को तवज्जो!

इस समारोह में नेताओं के बीच यह चर्चा भी चलती रही कि अगर कोई मीडिया संस्थान राहुल गांधी की पदयात्रा का कव्हरेज करना चाह रहा हो तो वह आखिर किससे संपर्क करे! दरअसल, अनेक छोटे और मंझोले मीडिया संस्थानों की शिकायत है कि राहुल गांधी की यात्रा के लिए मीडिया का प्रभार संभाल रहे जयराम रमेश को फोन नहीं लगता। उनके निवास का फोन उठता नहीं है। राहुल गांधी के निवास पर फोन करने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाता है। राहुल गांधी के निवास पर फोन करने पर राहुल गांधी की ईमेल आईडी दे दी जाती है, पर उसमें लंबे समय तक मीडिया संस्थान को जवाब नहीं मिलता है। जबकि यह समय वह है जबकि हर छोटे बड़े मीडिया संस्थान को कांग्रेस के द्वारा यात्रा के कव्हरेज की इच्छा व्यक्त किए जाने पर कम से कम संतोषजनक जवाब तो दे ही दिया जाए!
(साई फीचर्स)