अनिल अंबानी की डूबती कंपनी होगी रिलायंस जियो के नाम!

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) को अनिल अंबानी की कंपनी खरीदने के लिए हरी झंडी दे दी है।

रिलायंस जियो की सहयोगी कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज (Reliance Projects and Property Management Services) ने रिलायंस इन्फ्राटेल (RITL) को खरीदने के लिए बोली लगाई थी। इस कंपनी के पास रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) का टावर और फाइबर एसेट्स है। एनसीएलटी ने मुकेश अंबानी की कंपनी जियो को एसबीआई के एस्क्रो अकाउंट (escrow account) में 3720 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है।

इस महीने की शुरुआत में जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल की खरीद की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। छह नवंबर को जियो ने आरआईटीएल की खरीद की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एस्क्रो अकाउंट में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था।

आरआईटीएल अभी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस से गुजर रही है। इससे पहले नवंबर, 2019 में जियो ने इस कंपनी को खरीदने के लिए 3720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने चार मार्च, 2020 को ही जियो के रिजॉल्यूशन प्लान को हरी झंडी दे दी थी।

आरआईटीएल के पास 1.78 लाख रूट किमी का फाइबर एसेट्स और 43,540 मोबाइल टावर हैं। यह आरकॉम के टावर और फाइबर एसेट्स के लिए होल्डिंग कंपनी है। कंपनी के फंड्स को लेकर बैंकों के बीच भी विवाद चल रहा है। इसमें एसबीआई के अलावा दोहा बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, और एमिरेट्स बैंक शामिल हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने आरआईटीएल के इनडायरेक्ट क्रेडिटर्स के दावों को फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के दौर पर क्लासीफाई किया था। दोहा बैंक ने इसे चुनौती दी थी।