दिसंबर के पहले पखवाड़े तक हो सकती है सत्ता एवं संगठन में नए सिरे से जमावट!

संजय पाठक, सुलोचना रावत, हरिशंकर खटीक, महेंद्र हार्डिया, राजेंद्र शुक्ला आदि बन सकते हैं मंत्री!
(लिमटी खरे)


मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव भले ही एक साल बाद हों, पर भाजपा और संघ के द्वारा दिसंबर माह के पहले पखवाड़े में सत्ता और संगठन में पत्ते फेंटने की तैयारी में दिख रहे हैं। कांग्रेस अंदर ही अंदर अपनी तैयारियों में व्यस्त दिख रही है तो भाजपा भी कांग्रेस से पीछे नजर नहीं आ रही है। दिसंबर माह के पहले पखवाड़े के अंदर ही मध्य प्रदेश में बड़ा परिवर्तन अगर नजर आए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में चल रही बयार के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और संघ के अपने अपने सर्वेक्षण के आधार पर अब बनी रणनीति को जल्द ही अमली जामा पहनाया जा सकता है। जल्द ही मंत्रीमण्डल, संगठन और रिक्त पड़े निगम मण्डलों में खालिस भाजपाईयों को जिम्मेदारी देने का मन बना लिया गया है। जो मंत्री और पदाधिकारी अपने दायित्यों के प्रति उदासीन हैं उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि फिलहाल नेतागण गुजरात पर अपना पूरा फोकस केंद्रित किए हुए हैं। इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश पर भी नेताओं की नजरें दिख रही हैं। मध्य प्रदेश में अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को पारितोषक मिल सकता है, वहीं काम न करने वाले मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। शोभा की सुपारी बने मंत्रियों, संगठन के पदाधिकारियों के पर भी कतरे जा सकते हैं।


मध्य प्रदेश में विधायकों की तादाद 230 है और इस हिसाब से मध्य प्रदेश में मंत्रियों की अधिकतम सीमा 35 है, पर वर्तमान में प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सिर्फ 31 मंत्री हैं। नए मंत्रियों को शामिल करते समय जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन का पूरा पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा हो सकता है कि चुनावी साल में पूरे के पूरे 31 मंत्री ही बना दिए जाएं।
इधर, मुख्यमंत्री निवास के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने गुप्तचरों के जरिए प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट तलब की है। इसमें इस बात का शुमार किया गया है कि मंत्री, अधिकारी, विधायकों की व्यक्तिगत छवि किस तरह की है! जनता उनके बारे में किस तरह के विचार रखती है। इसका कारण यह है कि इन्हीं की छवियों से सरकार की छवि का निर्माण होता है।
सूत्रों का कहना है कि खुफिया रिपोर्ट में अनेक अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों की छवि बहुत उजली नहीं कही जा सकती है। सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि जिन मंत्रियों को बदला जा सकता है उसमें कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्रियों की तादाद बहुत ज्यादा है। सूत्रों की मानें तो मोहन यादव, राम किशोर कांवरे, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर आदि पर गाज गिरना तय ही है।
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मंत्रीमण्डल विस्तार या फेरबदल में कम से आठ से बारह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। हाल ही में कोर कमेटी की बैठकों में भी इस बात पर सहमति बनी थी कि नान परफारमेंस वाले चेहरों को बदल दिया जाए। अनेक पदाधिकारियों, मंत्रियों यहां तक कि अधिकारियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची थीं, जिसके बाद इस तरह की स्थिति बनती नजर आ रही है।
भरोसेमंत्र सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि आने वाले समय में होने वाले मंत्रीमण्डल विस्तार या फेरबदल में जिन विधायकों को स्थान मिल सकता है उनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, हरिशंकर खटीक के अलावा महेंद्र हार्डिया, सुलोचना रावत, चेतन कश्यप के नाम फिजा में तैरते दिख रहे हैं। इन सबके अलावा सिवनी से दूसरी बार विधायक चुने गए दिनेश राय का नाम भी चर्चाओं में है।
(साई फीचर्स)