एक्टर्स के मनमानी फीस मांगने पर भड़के भूषण कुमार

(ब्यूरो कार्यालय)

मुंबई (साई)। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को परेशान करने वाले मुद्दों के बारे में चल रही चर्चाओं के बीच, एक्टर्स फिल्मों के लिए ज्यादा पैसे मांग रहे हैं। उनके पैसे वसूलने के बारे में बहुत कुछ कहा गया है, जिससे फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर नुकसान उठाना पड़ा। करण जौहर के हाल ही में यह कहने के बाद कि यंग एक्टर्स बॉक्स ऑफिस पर खुद को साबित किए बिना 30-35 करोड़ की मांग करते हैं, अब प्रोड्यूसर भूषण कुमार ने अब उसी के बारे में बात की है।

भूषण कुमार ने पिंकविला से कहा कि ज्यादातर एक्टर बाजार को समझते हैं और उसी के हिसाब से पैसे लेते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी फीस को लेकर कठोर हैं। उन्होंने कहा कि निर्माता अब उनके साथ काम नहीं करना चुनते हैं क्योंकि बड़ी टिकट वाली फिल्मों में कई लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और यह मेकर्स के लिए सही नहीं है, खासकर तब जब एक्टर अच्छी कमाई करते हैं। उन्होंने कहा, ‘अभी भी कुछ एक्टर हैं, जो अपनी फीस कम करने से इनकार करते हैं। इसलिए हम उनके साथ काम नहीं कर रहे हैं। हमें नुकसान क्यों उठाना चाहिए? हम उनसे कहते हैं, ‘हम आपको पैसे क्यों दें और हमें नुकसान क्यों हो, जब आप इतनी बड़ी रकम कमाते हैं?’

रिपोर्ट में कहा गया है कि भूषण ने खुलासा किया कि पहले के उल्टा अब मेकर्स को आंकड़ों पर काम करने के लिए समय लगता है कि क्या कोई एक्टर स्क्रिप्ट पसंद करता है और यह तय करता है कि यह उनके लिए सही है या नहीं। पहले ईटाइम्स से बात करते हुए मेकर रतन जैन ने कहा था, ‘2005 से पहले मैंने कभी भी किसी एक्टर की कीमत 2.5 करोड़ से ऊपर नहीं रखी थी, चाहे वह शाहरुख खान, आमिर खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन या कोई दूसरा एक्टर हो।’

उन्होंने आगे कहा, ‘कॉर्पोरेट्स के आने के बाद वही कीमत बढ़कर 20 करोड़, 25 करोड़, 50 करोड़, 100 करोड़ हो गई… कोई नियमन नहीं था। स्टार सिस्टम 1960 के दशक से अस्तित्व में था। लेकिन तब एक्टर्स की फीस वाजिब थी। यह सच है कि दर्शक नहीं जाएंगे एक स्टार के बिना फिल्म देखने के लिए। बहुत कम फिल्में हैं जो अपनी योग्यता पर काम करती हैं। ताकि स्टार सिस्टम बना रहे और इसमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर सितारे अनुचित हो जाते हैं, तो एक मेकर को हो सकता है अपना घर बेचना पड़े। अब कुछ एक्टर आगे आने लगे हैं और फिल्मों के भागीदार बनने लगे हैं। लेकिन जो हिस्सा वे मांग रहे हैं, उस पर भी विचार करने की जरूरत है। कोई 50 प्रतिशत मांगता है, कोई 80 प्रतिशत मांगता है, कोई 90 भी मांगता है।’