कुमार विश्वास से पींगे बढ़ाते दिख रहे उत्तर प्रदेश के निजाम!

उत्तर प्रदेश से एमएलसी बनाकर सियासी पारी का आगाज करने का प्रस्ताव है कुमार विश्वास के पास!
(लिमटी खरे)
उत्तर प्रदेश में बहुत ही सधे कदमों से चल रहे योगी आदित्यनाथ अब नए प्रयोग करने की मंशा रखते दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सत्ता और संगठन दोनों ही में बदलाव की बयार जल्द ही बहने वाली है। उत्तर प्रदेश भाजपा की नजरें जाने माने कवि कुमार विश्वास पर आकर टिकती हुई दिख रही हैं। इस तरह की चर्चाएं सियासी बियावान में भी जमकर चलती दिख रही हैं, जो सर्द मौसम में पर्याप्त गर्माहट लाती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि वे जाने माने प्रबुद्ध श्रेणी के आधा दर्जन लोगों को उत्तर प्रदेश में मनोनीत श्रेणी से एमएलसी बनाएं। इसके लिए उनके द्वारा बाकायदा कवायद भी आरंभ कर दी गई है। योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि जिन प्रबुद्ध लोगों को वे एमएलसी बनाएं उनमें से कुछ लोगों को बाद में सरकार में मंत्री भी बना दिया जाए।
सूत्रों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के द्वारा पांच मनोनीत एमएलसी के लिए लगभग एक दर्जन नामों पर विचार किया गया है। इसमें लोक गायिका मालिनी अवस्थी को सबसे पहले योगी आदित्यनाथ के द्वारा तरजीह दी गई है। मालिनी अवस्थी के पति अवनीश अवस्थी उत्तर प्रदेश में सेवा में हैं एवं उन्हें सेवा विस्तार देने के लिए मालिनी अवस्थी इलेक्ट्रानिक मीडिया के एक पत्रकार के जरिए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से मिलीं थीं, किन्तु मालिनी अवस्थी के बातचीत का लहजा नेताजी को नहीं भाया से बात अधर में ही लटक गई। इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि किसी चुगलखोर के द्वारा मालिनी अवस्थी के खिलाफ नेताजी के कान पहले ही भर दिए गए थे।
सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि कवि कुमार विश्वास भी उत्तर प्रदेश में मनोनीत एमएलसी के लिए राजी हो जाएं। कुमार विश्वास से कहा गया है कि वे एमएलसी के जरिए सियासत की पिच पर अपनी सियासी पारी का आगाज करें और उसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में मंत्री भी बना दिया जाएगा। इधर कुमार विश्वास के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कुमार विश्वास इस छोटे से पद को राजनीति का लांचिंग पेड बनाने को राजी नहीं हैं।
उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि कुमार विश्वास ने यह कहकर योगी आदित्यनाथ की बात को सिरे से खारिज कर दिया कि अगर उन्हें सियासी पारी खेलना ही है तो कम से कम राज्य सभा को लांचिंग पेड बनाया जाए ताकि वे ऊॅची उड़ान भर सकें। इस पूरे घटनाक्रम में अभी मामला अटका ही बताया जा रहा है। अब सब कुछ दिल्ली के शीर्ष नेतृत्व पर ही निर्भर है कि वे कुमार विश्वास को एमएलसी बनवाते हैं या उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की टिकिट दिलवाते हैं।
इन सबके अलावा उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र के पुत्र साकेत मिश्र को भी योगी आदित्यनाथ एमएलसी बनवाने को आतुर दिख रहे हैं। आने वाले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता और संगठन में कुछ परिवर्तन अगर दिखाई दें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)
(साई फीचर्स)