अडानी को एक और झटका, इन 3 शेयरों पर NSE ने बढ़ाई निगरानी, ASM लिस्ट में किया शामिल

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। अडानी समूह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक बुरी खबरें उनके लिए आ रही है। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई। इसके बाद से कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई है।

अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 100 अरब डॉलर गिर चुका है। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research की पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी कर रहा है। इसके बाद क्या था। कंपनी के शेयर्स धड़ाधड़ गिरने लगे। कंपनी को अब एक झटका लगा है। एक्सचेंज ने उनकी कंपनियों पर निगरानी बढ़ी दी है। NSE ने कंपनी के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म ASM लिस्ट में शामिल कर लिया है।

ASM में अडानी के तीन शेयरों को किया शामिल

अडानी की 3 कंपनियों के शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) की लिस्ट में डाल दिया गया है। इन स्टॉक्स पर निगरानी बढ़ा दी गई है। अडानी एंटरप्राइसेज (Adani Enterprises), अडानी पोर्ट (Adani Port) और अबुंजा सीमेंट (Ambuja Cement) को एनएसई ने एएसएम में डाल दिया है।

आपको बता दें कि एडिशनल सर्विलांस एक तरह की निगरानी होती है, जिसमें मार्केट के रेगुलेटर सेबी और मार्केट एक्सचेंज बीएसई, एनएसई इसपर निगाहें बनाकर रखते हैं। इसका मकसद निवेशकों के हितों की रक्षा करना होता है। जब किसी शेयर में मेनुप्लेसन या फिर ज्यादा ट्रेडिंग होने से कीमतों में भारी एक्शन देखा जाता है तो उन शेयरों को एएसएम में डाल दिया जाता है।

क्या है इसके मायने

एएसएम यानी एडिशनल सर्विलांस मेजर्स में किसी कंपनी को रखना किसी कार्रवाई की तरह देखने के बजाए उसे निवेशकों के हितों की रक्षा की तरह देखना जरूरी है। एएसएम निगरानी में शेयरों को रखकर उसकी कीमतों में जारी भारी उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने की कोशिश की जाती है।

बाजार नियामकों की ओर से ये कदम उठाए जाते है, ताकि मार्केट पर भरोसा बना रहे। जिन कंपनियों को एस लिस्ट में शामिल किया जाता है उनपर कॉपोरेट एक्शन का कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। इस लिस्ट में शामिल कंपनियों को बोनस, डिविडेंट आदे के फैसले लेने की कोई मनाही नहीं होती है। इसका मकसद निवेशकों का भरोसा बाजार पर बढ़ाना और उनके हितों की रक्षा करवा होता है।

गौरतलब है कि हिंडनबर्ग को लेकर अडानी समूह को लेकर किए गए खुलासे के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। आरबीआई ने भी बैंकों को निर्देश दिया है कि अडानी को दिए गए लोन की डिटेल उन्हें सौंपे। एसबीआई ने कहा है कि उन्होंने अडानी फर्म को 2100 करोड़ रुपये का लोन दिया है।