(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। प्रदेश सरकार द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत बजट ने यह तो दर्शा ही दिया है कि 21 दिसंबर 2022 को विधायक सिवनी दिनेश राय मुनमुन के प्रयासों से पेंशनर्स प्रतिनिधि मंडल से भेंट पर मुख्य मंत्री ने यह आश्वासन दिया था की पेंशनर्स की मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जावेगा, वे या तो इस बात को विस्मृत कर चुके हैं या उन्होंने अपने ही वायदों से मुंह मोड़ लिया है।
उक्ताशय की बात पैंशनर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य डी.बी. नायर द्वारा जारी विज्ञप्ति में कही गई है। उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी दो-तीन बार आश्वस्त दिया, पर बजट में कोई प्रावधान न किया जाना तो यही प्रकट कर रहा है कि पेंशनर्स को कूड़ा-करकट समझकर हमेशा उपेक्षित बनाये रखना ही सरकार का लक्ष्य बन चुका है।
पैंशनर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य डी.बी. नायर ने आगे कहा कि विधान सभा में बार बार ध्यानाकर्षण प्रस्ताव से भी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। मंहगाई राहत के भुगतान के संदर्भ में भी, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के स्पष्ट कर देने पर भी परस्पर सहमति लेने की गलत अनिवार्यता बताकर विधान सभा में विधायक दिनेश राय के ध्यानाकर्षण पर गुमराह किया गया और इस आड़ में प्रताड़ना और शोषण जारी रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि न्यायालयीन आदेश भी बलाये ताक रख छटवें वेतनमान के 32 माह के एरियर्स का भुगतान अवरुद्ध रखा है और सातवें वेतनमान के 27 माह के एरियर्स भुगतान का तो विचार ही प्रतीत नहीं होता। आखिर अधिकांश वृद्ध, रोगी और बेबस पेंशनर्स का शोषण करके ही क्या प्रदेश सरकार योजनाएं लागू कर विकास की गंगा बहाना चाह रही है?
डी.बी. नायर ने आगे कहा है कि पेंशनर्स की मांगे न केवल उनके अधिकारों की पूर्ति है वरन न्याय का सम्मान और रक्षा भी है जिस ओर से विमुख हो सरकार अपनी ही छवि पर दाग लगाती प्रतीत होती है।
उन्होंने पैंशनर्स की मांगों को दुहराते हुए आम जनता से पूछा है कि क्या पैंशनर्स की मांगे अनुचित हैं!
पैंशनर्स की मुख्य मांगे :
1. न्यायालयीन आदेश का सम्मान करते हुए छटवे वेतनमान के 32 माह के एरीयर्स का भुगतान किया जावे।
2. 7वें वेतनमान के 27 माह के एरियर्स का भुगतान किया जाये।
3. धारा 49 की त्रुटिपूर्ण विवेचन त्यागकर पेंशनर्स को मंहगाई राहत की स्वीकृति और भुगतान केंद्र के समकक्ष हो,गृह मंत्रालय भारत शासन के स्पष्टीकरण दिनांक 13 नवंबर 2017का निष्ठापूर्वक पालन हो।
4. वृद्ध, रोगी पेंशनर्स के स्वास्थ्य रक्षा की दिशा में स्वास्थ्य बीमा योजना अविलंब लागू हो।
पेंशनर्स एशोसियेशन अब तक विनयपूर्वक गुहार ही लगाता आ रहा है किन्तु सरकार यदि शीघ्र ही इस दिशा में निर्णयात्मक रुख प्रकट नहीं करती तो उग्र आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा जिस दिशा में संघ के निर्णयानुसार 1 अप्रैल से 27 मई 2023 के मध्य प्रत्येक जिले में अलग अलग तिथियों में रथ यात्राओं के आयोजन से जागरण अभियान चलाकर 27 एवं 28 मई 2023 के ग्वालियर महासम्मेलन में उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर आंदोलन को विवश होना ही पड़ेगा।

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