बारिश के मौसम में ये बीमारियां हैं जानलेवा

ऐसे करें बचाव

भीषण गर्मी झेलने के बाद अब मानसून का मौसम शुरू हो गया है। बारिश की बूंदों से मन में ताजगी आज जाती है। लोग जमकर इस मौसम का लुत्फ उठाते हैं। इस मौमस में भीगने का भी अलग ही मजा होता है। लेकिन बारिश अपने साथ कई तरह की बीमारियों को भी साथ लाती है। अगर सतर्क न रह जाए तो भीषण बीमारियां चपेट में ले सकती हैं।

पीलिया से बचकर रहें : इस मौसम में पीलिया होना आम बात है। लेकिन यह बहुत ही खतरनाक रोग है। यह बीमारी लिवर संक्रमण से जुड़ी है। यह बीमारी गंदा पानी और संक्रमित भोजन से खाने होती है। इसमें खून में बीलीरूबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके बाद आखें, नाखून और यहां तक कि मूत्र भी पीला निकलता है। इस बीमारी का पता अल्ट्रासाउंड और लिवर की जांच से किया जाता है। इसके साथ ही, कमजोरी, जी मिचलाना, शरीर में पीलापन के लक्षण आते हैं। रोगी को इस दौरान कम वसा वाला भोजन करना चाहिए। खाने में कार्बाेहाइड्रेट जैसे केला, चावल खाना चाहिए। पानी उबालकर पीना चाहिए और बाहर खाने से परहेज करना चाहिए।

डायरिया हो सकता है खतरनाक : यह बीमारी भी संक्रमण से होताी है। इसमें रोगी को पेट में दर्द उलटियां होती है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए रोगी को बार-बार ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए। जरूरत पड़ने पर इसमें रोगी को ग्लूकोज भी चढ़ाया जाता है। इस दौरान को पीड़ित को हल्का खाना जैसे खिचड़ी ही सबसे उपयुक्त होती है। डॉक्टर की सलाह पर दवा जरूर लें।

डेंगू का दंश है जानलेवा : इस मौसम में सबसे गंभीर बीमार डेंगू है। यह मच्छ? के काटने से होता है। इसमें रोगी को शरीर तोड़ देने वाला बुखार आता है। इसके साथ ही शरीर में चकत्ते पड़ जाते हैं। रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। अगर इसका तुरंत उपचार न किया जाए तो जान जा सकती है। इस मौसम में बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए। वहीं मेडिकल स्टोर से दवाई खाने की भूल बिलकुल न करें। डेंगू से बचने के लिए घर के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें। कूलर के पानी की सफाई करते रहें। ध्यान रहे डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है।

मलेरिया से बचकर रहें : मादा इनफेलिज के काटने से यह होता है। इसमें रोगी को तेज बुखार के साथ ठंड लगती है। इसके बचाव के लिए जरूरी है कि घर के आसापास पानी न इकट्ठा होने दें। बरसात के पानी में अक्सर यह मच्छर पैदा होता है। रात में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और क्रीम लगाकर सोएं।

वायरल फीवर से भी खतरा : मौसम में सर्दी-गर्मी के साथ संक्रमण से होने वाला बुखार भी इस मौसम में खूब आता है। यह शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र में कमजोरी के कारण होता है। अगर इम्यून सिस्टम कमजोर है तो इसका खतरा कम हो जाता है। वैसे तो यह बुखार तीन से 7 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन डॉक़्टर से जरूर मिलना चाहिए।

(साई फीचर्स)