अगर कोई बीमारी हो जाए तो क्या करें!

आमतौर पर बारिश के मौसम में बच्चों को वायरल बुखारउलटीदस्त आदि की शिकायत ज्यादा होती है। ऐसे में उन्हें आरामअच्छी देखभाल और डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखने पर कोताही न बरतें और फौरन उन्हें डॉक्टर को दिखाएं। बारिश के मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का खयालवर्षा ऋतु में नीचे दिए हुए जरूरी एहतियात बरतें :

हमेशा ताजी और स्वच्छ सब्जीफल का सेवन करें : ध्यान रहे कि खाने से पहले फलसब्जी को अच्छे से स्वच्छ पानी से धोकर साफ कर लेंखास कर हरी पत्तेदार सब्जी। बासी भोजनपहले से कटे हुए फल तथा दूषित भोजन का सेवन न करें। हमेशा ताजा और गरम खाना खाए। इस मौसम में सब्जीफल जल्दी खराब हो जाते हैं। इसलिए हमेशा ताजा फल या सब्जी का प्रयोग करें।

बाहर का खाना मना है : बाहर का सड़क के किनारे मिलनेवाला या होटल का खाना खाने से पूरी तरह बचना चाहिए। बाहर का खाना खाने से जुलाबउलटीटाइफाइड इत्यादि गंभीर रोग हो सकते हैं। सड़क के किनारे बेचे जाने वाले चायनीज फूडभेलपानी पूरी यह फूड पॉइजनिंग होने के प्रमुख कारण हैं।

भरपूर स्वच्छ पानी का पीएं : वर्षा ऋतु में हवा में अधिक नमी होने के कारण शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती है और साथ ही पसीना भी ज्यादा आता हैऐसे में जरूरी है कि शरीर में पर्याप्त पानी का प्रमाण रखने के लिए भरपूर पानी पीयें। हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फिल्टर किए हुए स्वच्छ पानी का सेवन करें। कम से कम 15 मिनट तक पानी अवश्य उबालें। ठंडा पेय पीने की बजाय तुलसीइलायची की चाय या थोड़ा गरम पानी पीना ज्यादा फायादेमंद है।

बारिश से बचाव : हर किसी को बारिश में भीगना पसंद है पर बारिश में ज्यादा देर तक भीगने से और बुखार हो सकता है। बारिश में भीगने पर ज्यादा देर तक बालों को गीला न रखें। अगर आप को अस्थमा है या फिर आपको जल्दी हो जाती है तो बारिश में न भीगें। बारिश से बचने के लिए छातारेनकोट का इस्तेमाल करना चाहिए। कपड़ेजूतेंचप्पल गीले हो जाने पर तुरंत बदल दें। ज्यादा समय तक गीले कपड़े पहनने से फंगल इत्यादि त्वचा रोग हो सकते हैं।

बुजुर्गों की देखभाल : बदलते मौसम में बुजुर्गों के बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए जरूरी है कि उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाए। बुजुर्ग बारिश में ज्यादा बाहर न निकले। गरम चायकॉफी या सूप पीयें। ज्यादा कच्चे फल या सलाद न खाएं। खाने में हल्दीईलायचीसौंफदालचीनी का इस्तेमाल करें। इनसे रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है।

अन्य सावधानियां : रात्रि में सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

अपने घर के आसपास गंदगी न होने दें। घर के आस-पास के गड्ढों को भर दें जिससे बारिश का पानी रुक कर सड़ने न पाए। इससे मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे। घर की अच्छी तरह फिनाइल से सफाई करें ताकि मक्खियां न आएं। अपनी नियमित चल रही दवाइयों की अधिक खुराक जमा कर लें ताकि बारीश की वजह से बाहर न जा सकने पर दवा में कोई गैप न पड़े।

किसी भी रोग की आशंका होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। उपचार से बचाव बेहतर हैइस नियम का पालन वर्षा ऋतु में करना जरूरी है। अत: हम ऊपर दी हुई कुछ सावधानियां रख कर वर्षा ऋतु में सुरक्षित रह कर इस सुहाने मौसम का पूरा लुत्फ उठा सकते हैं।

(साई फीचर्स)