केरल में मानसून की दस्तक, खुशनुमा हुआ मौसम

(ब्यूरो कार्यालय)

तिरूअनंतपुरम (साई)। भीषण गर्मी का सामना कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मानसून का भारत में एंट्री हो गई है।

मौसम विभाग (IMD) ने इसकी घोषणा कर दी है। भारत में आमतौर पर मानसून 1 जून को पहुंच जाता है। इस बार वह करीब सप्ताह भर की देरी से आया है। केरल में मानसून के आने से जमकर बारिश को रही है। मई में IMD ने कहा था कि मानसून केरल में चार जून के आसपास पहुंच सकता है। मौसम विज्ञानियों ने इससे पहले कहा था कि चक्रवात बिपरजोय’ (Cyclone Biparjoy) मानसून को प्रभावित कर रहा है और केरल में इसका शुरुआत मामूलीहोगी।

मौसम विभाग के मुताबिक मानसून दक्षिण अरब सागर की के कुछ हिस्सों और लक्षद्वीप के अलावा केरल के ज्यादातर हिस्से, दक्षिण तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के बाकी हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य और उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है। केरल में लगातार दो दिन से भारी बारिश हो रही है। मानसून तमिलनाडु और बंगाल की खाड़ी के भी कुछ हिस्सों में आया है। इसके अलावा मानसून की पुडुचेरी में भी एंट्री हो चुकी है।

दक्षिण पश्चिम मानसून आम तौर पर केरल में एक जून तक पहुंच जाता है और आम तौर पर एक जून से करीब सात दिन पहले या बाद में यह पहुंचता है। मौसम विभाग का कहना है दिल्ली एनसीआर में मानसून महीने के अंत तक पहुंच सकता है। इस बार मौसम विभाग की ओर से सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है। पूर्व और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में इस दौरान औसत की 94 से 106 प्रतिशत सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। बता दें कि मानसून के दौरान अगर 90 फीसदी से कम बारिश होती है तो उसे बारिश में कमीमाना जाता है। वहीं 90 फीसदी से 95 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से कम वर्षाऔर 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच होने वाली बारिश को सामान्य से ज्यादा वर्षाकहा जाता है।