आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी।

ताऊ मास्टर से – मेरा छोरा पढाई मै कैसा सै?

मास्टर -चौधरी यू समझ ले, . . . . . . आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी।

(साई फीचर्स)