72 हूरें के ट्रेलर को लेकर बढ़ा विवाद!

(ब्यूरो कार्यालय)

मुंबई (साई)। बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है, जिसे फैंस देखना और पढ़ना पसंद करते हैं। कभी किसी सेलेब्स की किसी संग अनबन की खबरें आती है, तो कोई मिस्ट्री मैन संग स्पॉट होकर चर्चा में छा जाता है। आज हम सबसे पहले बात करेंगे 72 हूरें की।

काफी विवादों के बाद आज फाइनली फिल्म का ट्रेलर सोशल मीडिया पर रिलीज कर दिया गया है। ट्रेलर आतंकवाद की काली दुनिया का सच उजागर करता है। यह फिल्म 7 जुलाई को अंग्रेजी के साथ-साथ असमिया, बंगाली, भोजपुरी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु सहित 10 स्थानीय भाषाओं में रिलीज होने वाली है।

फिल्म क्रिटिक्स तरण आदर्श ने 72 हूरें का धमाकेदार ट्रेलर ट्विटर पर साझा किया। इसके कैप्शन में लिखा, ’72 हुरें’ का ट्रेलर अब जारी . . . टीम #72हूरैन – #राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता #संजय पूरन सिंह चौहान द्वारा निर्देशित- ने फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया, जो 7 जुलाई 2023 को सिनेमाघरों में आएगा। #72हूरें का निर्माण #गुलाब सिंह तंवर, #किरण डागर और #अनिरुद्ध तंवर द्वारा किया गया है . . . सह-निर्माता #अशोकपंडित द्वारा किया गया है।

बॉलीवुड फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने अपनी आने वाली फिल्म ’72 हुरें को लेकर चल रहे विवाद पर बात की। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड ने हमसे ट्रेलर से कुछ दृश्य और शब्द हटाने को कहा है, लेकिन उन्हें उन दृश्यों को फिल्म में रखने पर कोई आपत्ति नहीं है। हम इस विरोधाभास पर सवाल उठा रहे हैं। यह फिल्म किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और आतंकवाद से निपट रही है।”

संजय पूरन सिंह चौहान की 72 हुरें 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। आज फिल्म का ट्रेलर सोशल मीडिया पर रिलीज हुआ। इसमें आतंकवाद की काली दुनिया के सच को उजागर करने की कोशिश की गई है, कि कैसे आतंकवादी बनाए जाने के लिए किसी आदमी का ब्रेनवॉश किया जाता है। बता दें कि जबसे 72 हुरें की घोषणा हुई है, तबसे ये विवादों का हिस्सा बन गई है। 72 हुरें में पवन मल्होत्रा​ हाकिम अली की भूमिका में हैं और आमिर बशीर बिलाल अहमद की भूमिका में हैं।

संजय पूरन सिंह की ओर से निर्देशित फिल्म 72 हुरें 7 जुलाई, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार है। निर्माताओं द्वारा फिल्म का पहला लुक जारी करने के बाद से फिल्म को लेकर हलचल मच गई है। यह 72 कुंवारी लड़कियों की अवधारणा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका इस्तेमाल अक्सर आतंकवादी संगठन लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए करते हैं।