बारिश के कारण टमाटर की आपूर्ति बाधित, कीमतें आसमान पर

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली के खुदरा बाजारों में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसके लिए सब्जी विक्रेताओं और थोक कारोबारियों ने बारिश के कारण टमाटर की आपूर्ति में हुई बाधा को जिम्मेदार ठहराया है।

जो टमाटर कुछ दिनों पहले तक सिर्फ 20-30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा था वह स्थानीय विक्रेता गुणवत्ता और स्थान के आधार पर 80 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम के दाम पर टमाटर बेच रहे हैं। आलम ये है कि लोग अब अपने घरों में टमाटर कम ला रहे हैं।

आजादपुर कृषि उपज विपणन कमेटी के सदस्य अनिल मल्होत्रा ने कहा कि हर साल मानसून में टमाटर की कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन यह इतनी ऊंची कभी नहीं हुर्इं। मल्होत्रा ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान कीमतें बढ़ जाती हैं लेकिन टमाटर की कीमत कभी इतनी नहीं बढ़ी। बारिश के कारण आपूर्ति में बड़ी गिरावट आई है। हमारा लगभग आधा भंडार, जो हमें हिमाचल प्रदेश से मिला था, खराब हो गया।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब और पहाड़ी राज्यों से टमाटर की आपूर्ति होती है। दक्षिणी दिल्ली के कैलाश हिल्स इलाके में सब्जी विक्रेता भगवान ने कहा कि हमें थोक बाजारों से ऊंचे दामों पर टमाटर मिल रहा है और हम 100 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से इसे बेच रहे हैं।

लाजपत नगर में एक सब्जी विक्रेता ने कहा कि अचानक कीमत बढ़ने के कारण लोग टमाटर खरीदने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में मौजूदा कीमत 80 रुपए प्रति किलोग्राम है। हमें मंडियों से आपूर्ति होती है जहां थोक मूल्य लगभग 60 रुपए प्रति किलोग्राम है।

बारिश के कारण पिछले दो-तीन दिन में कीमत में वृद्धि हुई है। विक्रेता ने कहा कि टमाटर खराब हो रहे हैं, जिसके कारण फिर से अचानक कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई है। हम हिमाचल प्रदेश के टमाटर बेच रहे हैं। लोग जमकर मोलभाव कर रहे हैं। लेकिन हम कीमत कम नहीं कर सकते क्योंकि हमें खुद ऊंचे दाम पर खरीदना पड़ता है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति बेहतर हो जाएगी।

नोएडा एक्सटेंशन में रहने वाली मीडिया पेशेवर श्वेता उपाध्याय ने बताया कि पांच दिन पहले ही टमाटर के दाम 40 रुपए प्रति किलो थे। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन में कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। हम कम टमाटर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं और इसकी जगह टमाटर की सास का इस्तेमाल कर रहे हैं।