सर्दियों में स्वस्थ्य रहने के घरेलू उपाय

सर्दी का मौसम सेहत के लिहाज से बेहतरीन मौसम माना जाता है। इस समय पाचन शक्ति अच्छी रहती हैभूख भी अच्छी लगती है,खाया पीया अच्छे से हजम हो जाता हैरातें लम्बी होती हैंजिससे आराम करने को भी पर्याप्त समय मिल जाता हैजिस प्रकार एक व्यापारी व्यापार के सीजन में खूब मेहनत करके पर्याप्त धन अर्जित कर लेता है और फिर वर्ष के शेष समय में कम आय होने के बावजूद आराम से जीवनयापन कर पाता हैउसी प्रकार हमें शीत ऋतु में पौष्टिक आहार एवं व्यायाम,योगा आदि के द्वारा पर्याप्त बल एवं शक्ति अर्जित कर लेनी चाहिएताकि वर्ष पर्यन्त स्वस्थ रह सकें।

पौष्टिक पदार्थ लें

इस समय पाचकाग्नि तीव्र होती हैभूखे रहना नुकसानदायक होता हैइस दौरान घीमक्खनउड़द की दालगाजर का हलवागोंद के लड्डूतिल के लड्डू,च्यवनप्राश,बादाम पाकमूंगफलीगुड पपड़ी जैसे बल एवं शक्ति वर्धक पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर रहता है।

मेवा (ड्राई फ्रूट्स) खायें

बादाम,काजूपिस्ताकिशमिशअखरोटमूंगफली ये सब पोषक तत्वों से भरपूर हैं। विटामिनखनिज लवण एवं एंटी आॅक्सीडेंट तत्वों का भंडार हैंइनका सर्दी के मौसम में सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है साथ ही दूधदहीछाछ का नियमित सेवन शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होता हैशीत ऋतु में मक्का,बाजरे की रोटी घीमक्खनगुड के साथ सेवन करना स्वादिष्ट एवं गुणकारी होता है।

अनार,आंवलासेबसंतराअमरुद जैसे फल एवं गाजरमूली,पालक,शकरकंद,गोभी,टमाटरमटर जैसी सब्जियों में विटामिनखनिज लवण एवं फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैंजिससे ये फल एवं सब्जियां सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं।

शीत ऋतु के दौरान भारी पदार्थों का सेवन ज्यादा किया जाता है तथा रातें लम्बी होने के कारण शरीर को आराम भी ज्यादा मिलता हैइस वजह से शरीर का वजन बढ़ने की पूरी सम्भावना रहती हैइसलिए व्यायामयोगा आदि का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए,सुबह उठ कर पार्क आदि में घूमने जायेंतेज कदमों से चलें या दौड़ लगायेंइन उपायों से शरीर से पसीने के रूप में हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते है,शरीर का रक्त संचार बढ़ता हैतन मन स्वस्थ रहता है तथा जरुरत से ज्यादा वजन भी नही बढ़ पाता एवं शरीर की अंदरुनी शक्ति का विकास होता है।

सुबह भ्रमण से आने के बाद हो सके तो कुछ देर सूर्य की धूप में बैठ कर सरसों,बादाम आदि के तेल से मालिश करें सूरज की किरणों से विटामिन डी मिलता है जो की हड्डियों की मजबूती एवं ताकत के लिए बहुत जरुरी होता है स मालिश से स्वास्थ्य सुधरता हैत्वचा की कान्ति निखरती है शीत ऋतु में वातावरण में रुक्षता होती है जिससे त्वचा एवं होंट आदि फटने लगते हैत्वचा रूखी हो जाती हैमालिश करने से त्वचा में चिकनापन आता है,मांसपेशियां मजबूत होती हैंशरीर में खून का दौरा सुचारू रूप से चलता हैशरीर सुन्दर एवं सुगठित हो जाता है। इसलिए नित्य मालिश अवश्य करें।

सर्दी में अधिकतर लोग पानी पीने में आलस्य करते हैं या यूँ कहें की प्यास ही कम लगती है,जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती हैत्वचा फटने लगती हैकमजोरी आ सकती हैइसलिए दिन भर में 7- 8 गिलास पानी अवश्य पीयें . सर्दी में चाहें तो पानी गुनगुना करके पी सकते हैंमोटापा कम करने के लिए सुबह सुबह भूखे पेट एक गिलास गुनगुने जल में एक नींबू का रस एवं एक चम्मच शहद डाल कर पीयें।

(साई फीचर्स)