(ब्यूरो कार्यालय)
मुंबई (साई)। फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री आए दिन किसी ना किसी कारण से सुर्खियों में बने रहते हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और लगभग हर मुद्दे पर अपनी राय रखते नजर आते हैं। इन दिनों वह अपनी अपकमिंग वेबसीरीज ‘द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड’ को लेकर काफी चर्चा में हैं। 7 पार्ट की इस सीरीज में कश्मीरी पंडित खुद पर हुए अत्याचार की दास्तान सुनाते नजर आएंगे।
यह सीरीज जल्द ही जी5 पर रिलीज होगी। वहीं विवेक अग्निहोत्री ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि एक समय ऐसा था कि जब वह नक्सल और लेफ्टिस्ट मानसिकता के हुआ करते थे। लेकिन बाद में उन्होंने यह महसूस किया कि जिंदगी में केवल क्रिटिक बने रहने से आखिर में वह एख फ्रस्टेटेड व्यक्ति बन जाएंगे।
फर्स्टपोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री से जब पूछा गया कि जेएनयू का विद्यार्थी होना कैसा था? तो इस पर फिल्ममेकर ने कहा, “मेरा डीएनए काफी अलग है। मैं एक ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जिसे कोई भी इंस्टीट्यूट अपने हिसाब से शेप दे सके। मैं हार्वर्ड भी गया हूं। कोई भी इंस्टीट्यूड किसी व्यक्तिक को शेप नहीं देता और अगर ऐसा हो रहा है तो यह इंस्टीट्यूड का फेलियर है।”
फिल्ममेकर ने आगे कहा कि “एक इंस्टीट्यूड को किसी के माइंड के हिसाब से डायरेक्ट नहीं करना चाहिए। जेएनयू के साथ यह समस्या है कि वह विद्यार्थियों का अच्छी तरह से ब्रेनवॉश कर देते हैं। यह संस्थान ऐसे खास तरह के छात्रों का निर्माण कर रहा है, जो सोचते हैं कि हर चीज का सिर्फ विरोध करना है, क्योंकि यह कूल लगता है। लेकिन कभी-कभी आपको समाज के लिए अच्छा करने की जरूरत होती है और सिर्फ आलोचक बनने से मदद नहीं मिलती।”
विवेक अग्निहोत्री ने आगे कहा कि “मैं नक्सली भी रहा हूं और वामपंथी भी और बहुत गहरी राजनीति करता हूं। मैंने इनमें केवल एक बात सीखी है कि आलोचक होना बेकार है। क्योंकि इससे आप एक निराश व्यक्ति बन जाते हैं। और ऐसे लोगों का समाज में कुछ भी योगदान नहीं होता है। विवेक अग्निहोत्री ने यह भी कहा कि ना तो जेएनयू और ना ही बॉलीवुड ने उन्हें किसी तरह का शेप दिया। बता दें कि विवेक अग्निहोत्री अक्सर राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते नजर आ जाते हैं। फिल्ममेकर ‘अर्बन नक्सल’ पर एक किताब भी लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने अपने कॉलेज से जुड़े किस्से साझा किए थे। विवेक रंजन अग्निहोत्री जेएनयू के विद्यार्थी भी रह चुके हैं।”
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