दुनिया के 10 सबसे ऊंचे पर्वत

 

पर्वत या पहाड़ पृथ्वी की भू-सतह पर प्राकृतिक रूप से ऊंचा उठा हुआ हिस्सा होता है, जो ज्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है और पहाड़ी से बड़ा होता है। पर्वत एक लगातार समूह में होते हैं। जब भी बात आती है प्राकृतिक संपदाओं की तो पहाड़ों का अपना एक महत्व होता है। खूबसूरती से खड़े ये पहाड़ न सिर्फ उस जगह की खूबसूरती को बढ़ाते हैं बल्कि वहां का आइना भी बनते हैं। आज हम आपको दुनिया के कुछ ऐसे खूबसूरत और सबसे ऊंचे पर्वतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दिखने में बेहद खूबसूरत हैं साथ ही मजबूती का पर्याय भी हैं।

माउंट एवरेस्ट

1856 में ब्रिटिश इंडिया द्वारा किए गए सर्वे में एवरेस्ट की ऊंचाई 29002 फुट (8840 मीटर) बताई गई थी। इसे पीक-15 नाम भी दिया गया था। ब्रिटिश सर्वेयर एंड्रयू वॉ ने सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर इस चोटी का नाम एवरेस्ट रखने की पेशकश की थी। सदियों से तिब्बती चोमोलुंग्मा पर्वत चोटी का उपयोग करते थे लेकिन वॉ के लिए कोई स्थानीय नाम रखना संभव नहीं था। वैज्ञानिक सर्वेक्षण में कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रही है। नेपाल में इसे स्थानीय लोग सागरमाथा (इसका अर्थ है- स्वर्ग का शीर्ष) के नाम से जानते हैं। तो वहीँ तिब्बत में इसे ह्यचोमोलंगमाह्ण (इसका मतलब है- पर्वतों की रानी) कहते हैं।

के 2

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान और चीन के झिंजियांग की सीमा पर काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित यह चोटी है। 8611 मीटर (28,251फीट) की ऊंचाई वाली ये चोटी माउंट एवरेस्ट के बाद विश्व की दूसरी उच्चतम पर्वत चोटी है। के2 को माउंट एवरेस्ट की तुलना में सबसे अधिक कठिन और खतरनाक माना जाता है। के2 पर अब तक 246 लोगों ने चढ़ाई की है जबकि माउंट एवरेस्ट पर 2238 लोगों ने चढ़ाई कर चुके हैं।

कंचनजंघा

सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर स्थित कंचनजंघा विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है। यह दार्जिलिंग से 74 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है। कंचनजंघा नाम की उत्तपत्ति तिब्बती मूल के चार शब्दों से हुई है, जिन्हें आमतौर पर कांग-छेन-दजों-ङ्गा लिखा जाता है। सिक्किम में इसका अर्थ विशाल हिम की पांच निधियां माना जाता है। नेपाल में यह पर्वत कुंभकरन लंगूर कहलाता है।

ल्होत्से

8516 मीटर (27940 फीट) एवरेस्ट के2 और कंचनजंघा के बाद विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी है जो एवरेस्ट से दक्षिण घाटी से जुडी हुई है। इस शिखर के अगल-बगल दो और शिखर हैं।

मकालू

8481 मीटर, (27,825 फुट) मकालू एवरेस्ट विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची शिखर है। यह एवरेस्ट से 19 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह अलग-अलग चोटियां हैं जो चार मुखी पिरामिड के समान दिखती हैं।

चो ओयू (चोयू)

समुद्र के स्तर से ऊपर 8,201 मीटर (26,906फीट) विश्व का छठा सबसे ऊंचा पर्वत है। तिब्बती में चो ओयू का मतलब ह्यमरकत देवीह्ण है। यह पर्वत तिब्बत-नेपाल सीमा पर माउंट एवरेस्ट की महालांगुर हिमालय से 20 किलोमीटर की खुंबू उप-धारा के पश्चिम में स्थित है।

धौलागिरी

उत्तर-पश्चिमी नेपाल में काली नदी के उद्गम के समीप स्थित इस चोटी की ऊंचाई 26,826 फुट है। इस भाग में अनेक हिमानियां हैं। यह हिमालय की चार प्रमुख चोटियों में से एक है और किसी समय इसे ही संसार की सर्वाेच्च चोटी समझा जाता था। नेपाली में धौलागिरी पर्वत का मतलब सफेद, सुन्दर पहाड़ से है। यह विश्व की सातवीं सबसे ऊंची छोटी है।

मनास्लु

समुद्रतल से 8,163 मीटर (26,781 फीट) पर दुनिया का आठवां सबसे ऊंचा पर्वत है। यह नेपाल के पश्चिम मध्य भाग में नेपाली हिमालय में स्थित है। मनास्लु संस्कृत शब्द मनासा से लिया गया है जिसका अर्थ है ह्यबुद्धि या आत्माह्ण मनास्लु का अर्थ है ह्यपर्वत की आत्माह्ण ।

नंगा पर्वत

इसकी ऊंचाई 8, 125 मीटर या 26, 658 फुट है। इसे दुनिया का ह्लकातिल पहाड़ह्व भी कहा जाता है क्योंकि इसपर चढ़ने वाले बहुत से लोगों की जाने जा चुकी हैं। नंगा पर्वत पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्र में आता है, जिसे भारत अपना हिस्सा भी मानता है। ये विश्व का नवां सबसे ऊंचा पर्वत है। नंगा पर्वत हिमालय पर्वत श्रंखला के सुदूर पश्चिमी भाग में स्थित है।

अन्नपूर्णा

उत्तर मध्य नेपाल में स्थित अन्नपूर्णा पर्वत विश्व का दसवां सबसे बड़ा पर्वत है। इस पर चढ़ाई करना दुनिया की सबसे खतरनाक चोटियों पर चढ़ाई करने के बराबर है। यह 26,545 फीट (8091मीटर) ऊंचा पर्वत है।

पर्वत किसी भी पहाड़ी से ऊंचा व सीधी चढ़ाई वाला मिट्टी व चट्टानों का ढांचा होता है। सामान्यत: पर्वत धरती के एक निश्चित स्थान पर लगभग 600 मीटर ऊंचा धरती का उभार होता है। पर्वतों की परिभाषा यह हो सकती है कि वह खड़ी व सीधी ढलान, ऊपरी चपटा भाग तथा गोलाई लिये हुए या नुकीली चोटियों वाले उभार होते है। भूविज्ञानी किसी सीधे खड़े क्षेत्र को तभी पर्वत मानते है जब वहां विभिन्न ऊंचाईयों पर दो या अधिक प्रकार की जलवायु तथा वनस्पति की विविधता हो।

(साई फीचर्स)