इंसान को जब दुख होता है तो उसकी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। रो लेने से दिल काफी हल्का हो जाता है। बड़े बोल सकते हैं और इसलिए अपनी परेशानियां बता सकते हैं, लेकिन नवजात को जब कोई परेशानी होती है तो वह रोकर उसका जिक्र करता है।
बच्चा जब रोता है तब मां समझ लेती है कि बच्चे को भूख लगी है या नींद आ रही है, लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर फरमाया है कि जब शिशु रोता है तो उसके आंखों से आंसू नहीं निकलते हैं। अब सवाल यह आता है कि इतना तेज-तेज रोने के बाद भी उनके आंखों से आंसू क्यों नहीं निकलते हैं? आइए जानते हैं।
दरअसल, आंख तक आंसू लाने वाले पाइपलाइन का उनमें विकास नहीं होता है। यह पाइपलाइन जब तक पूरी तरह ढंग से नहीं बन जाती है तब तक आंखों में आंसू नहीं आ पाते हैं। इसलिए जब शिशु रोता है तब उसके आंखों में बस नमी होती है।
दो भौंहों के पास बादाम जितनी छोटी दो थैलियां होती है जिसे लैक्रिमल ग्लैंड (Lacrimal Gland) के नाम से जाना जाता है। इसी में आंसू बनते हैं। Tear Duct (टियर डक्ट) लैक्रिमल ग्लैंड (Lacrimal Gland) से आंखों तक आंसू लेकर आते हैं। अब बच्चों में Tear Duct का विकास जन्म के एक महीने के बाद ही होता है। कभी-कभार इसके विकास में तीन महीने तक का समय भी लग सकता है।
(साई फीचर्स)
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