महाभारत में एक नहीं तीन थे कृष्ण . . .

ये रहस्य जानकर आप हैरान रह जाएंगे

बचपन में आपने महाभारत ( Mahabharat ) की कहानी पढ़ी होगी और अगर नहीं भी पढ़ी होगीतो कम से कम टीवी पर देखी जरुर होगी। महाभारत में कई रहस्य छुपे हुए हैंजिसके बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन कई रहस्य ऐसे भी हैं जिनके बारे में शायद कोई नहीं जानता। आइए आपको ऐसे ही एक अनसुने रहस्य के बारे में बताते हैं।

भगवान कृष्ण के बारे में वैसे तो लगभग सभी जानते हैं कि वो महाभारत युद्ध के सबसे बड़े सूत्रधार थे। सब जानते हैं कि भगवान कृष्ण विष्णु के अवतार थेलेकिन क्या आप ये जानते हैं कि महाभारत काल में एक नहीं बल्कि तीन-तीन कृष्ण थे। दरअसलपहले कृष्ण तो थे विष्णु जी के अवतार और दूसरे कृष्ण का नाम है महार्षि वेदव्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। इनका असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। इसके पीछे एक कथा भी प्रचलित है। कथा के अनुसारवेदव्यास का रंग सांवला था और उनका जन्म एक द्वीप पर हुआ थाइसीलिए उनका नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन पड़ गया।

वहीं तीसरे कृष्ण को तो आपने अपनी टीवी सीरियल कृष्णलीला‘ में देखा ही होगा। हालांकिइस तीसरे कृष्ण को नकली कृष्णा कहा जाता है। दरअसलपुंड्र देश के राजा का नाम पौंड्रक था और चेदि देश में वो पुरुषोत्तम नाम से विख्यात था। वहीं पौंड्रक के पिता का नाम वासुदेव थाजिसके चलते वो खुद को वासुदेव कहता था। उसके मूर्ख और चापलूस मित्रों ने भी उसे ये बताया कि असल में वही भगवान विष्णु का अवतार है और वहीं असली कृष्ण है। इन बातों को सुन उसने भगवान कृष्ण की तरह ही अपना रंग और रूप बना लिया था। यही नहीं उसने शंखमोर मुकुटनकली चक्रपीला वस्त्र जैसी चीजें धारण कर ली थी। वहीं अहकार में आकर उसने भगवान श्री कृष्ण को चुनौती दे दी थीजिसके चलते नकली कृष्ण का भगवान श्रीकृष्ण ने वध कर दिया था।

(साई फीचर्स)